नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय के अनुसार, जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने चालू वित्तवर्ष (2023-24) में अब तक 14,000 करोड़ रुपये के कुल 1,040 फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट मामलों का पता लगाया है। बुधवार को जारी बयान में यह जानकारी दी गई। इन मामलों के संबंध में 91 धोखेबाजों को गिरफ्तार किया गया है।
बयान में बताया गया है कि जीएसटी चोरी के खतरे से निपटने के लिए डीजीजीआई देशभर में अपने खुफिया नेटवर्क का उपयोग करने के अलावा डेटा विश्लेषण के लिए उन्नत उपकरणों के माध्यम से, विशेष रूप से कर चोरी के नए क्षेत्रों में खुफिया जानकारी विकसित करता है। कुल मिलाकर 2023-24 में समग्र जीएसटी चोरी (फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट सहित) और रुपये के स्वैच्छिक भुगतान के रूप में 1.36 लाख करोड़ रुपये का पता चला है। परिणामस्वरूप 14,108 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।
जून 2023 से डीजीजीआई ने देशभर में सक्रिय मास्टरमाइंडों और विघटनकारी सिंडिकेट्स की पहचान करने और उन्हें पकड़ने पर विशेष जोर दिया है। बयान में कहा गया है कि उन्नत तकनीकी उपकरणों की सहायता से डेटा विश्लेषण का उपयोग करके मामलों को सुलझाया गया है, जिससे कर चोरों की गिरफ्तारी हुई है। ये टैक्स सिंडिकेट अक्सर भोले-भाले व्यक्तियों का उपयोग करते हैं और उन्हें नौकरी/कमीशन/बैंक ऋण आदि का प्रलोभन देकर उनके केवाईसी दस्तावेज़ निकालते हैं, जिनका उपयोग उनकी जानकारी और सहमति के बिना नकली/शेल फर्म/कंपनियां बनाने के लिए किया जाता था।
बयान में कहा गया है कि कुछ मामलों में केवाईसी का इस्तेमाल संबंधित व्यक्ति की जानकारी में उन्हें छोटे आर्थिक लाभ देकर किया जाता था।