नई दिल्ली : भारतीय नौसेना को गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर वाला तीसरा स्टील्थ विध्वंसक युद्धपोत सौंपा गया है। शुक्रवार को सौंपा गया युद्धपोत सरफेस टू सरफेस सुपरसोनिक ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल और मीडियम रेंज सरफेस टू एयर ‘बराक-8’ मिसाइल से लैस है। इसमें पानी के अंदर युद्ध करने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित एंटी-सबमरीन वेपन और सेंसर, मुख्य रूप से हल माउनटेड सोनार हुमसा एनजी, हेवी वेट टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर और रॉकेट लॉन्चर फीट किया गया है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक पोत का निर्माण स्वदेशी इस्पात (स्टील) डीएमआर 249ए से किया गया। यह भारत के सबसे बड़े विध्वंसकों में एक है। इसकी कुल लंबाई 164 मीटर और विस्थापन क्षमता 7500 टन से अधिक की है। यह जहाज एक शक्तिशाली प्लेटफ़ार्म है जो समुद्री युद्ध के पूर्ण स्पेक्ट्रम में फैले विभिन्न प्रकार के कार्यों और मिशनों को पूरा करने में सक्षम है।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने भारतीय नौसेना को परियोजना 15बी श्रेणी का यह गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर, स्टील्थ विध्वंसक पोत, ‘यार्ड 12706 (इंफाल)’ सुपुर्द किया है। नौसेना का मानना है कि इंफाल की चौतरफा क्षमता इसे सहायक जहाजों की झुंड के बिना संचालित करने में और साथ ही साथ नौसेना टास्क फोर्स के फ्लैगशिप के रूप में कार्य करने हेतु सक्षम बनाएगी। इस पोत ने सभी समुद्री परीक्षण पूरे कर लिए है, जिसमें पहले सीएसटी में महत्वपूर्ण हथियारों की गोलाबारी भी शामिल हैं। यह पोत पी15बी के अन्य सभी पोतों में से पहला है जिसमें लंबी अवधि की दोहरी क्षमता वाली लॉन्ग रेंज और लैंड अटैक के लिए उन्न्त ब्रह्मोस मिसाइलें लगाई जाएगी। इसके अलावा, इम्फाल पहला नौसेना युद्धपोत है, जिसमें महिला अधिकारियों और नाविकों के लिए आवास है।
पोत 312 लोगों की क्रू को समायोजित कर सकता है, 4000 समुद्री मील की क्षमता रखता है। यह 42 दिनों में विस्तारित मिशन के आउट ऑफ एरिया ऑपरेशन को पूरा कर सकता है। अपनी क्षमता को और अधिक बढ़ाने के लिए पोत दो हेलिकॉप्टर से लैस है। जहाज को एक शक्तिशाली संयुक्त गैस और गैस प्रोपलशन प्लांट (सीओजीएजी) द्वारा संचालित किया जाता है। इसमें चार रिवर्सेब्ल गैस टर्बाइन होते हैं, जो उसे 30 समुद्री मील (लगभग 55 किमी प्रति घंटे) से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।गीगाबाइट ईथरनेट आधारित शिप डेटा नेटवर्क (जीईएसडीएन), कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस), ऑटोमैटिक पावर मैनेजमेंट सिस्टम (एपीएमएस) और इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम (आईपीएमएस) जैसे परिष्कृत डिजिटल नेटवर्क के साथ जहाज उच्च स्तर के स्वचालन का दावा करता है। पी15बी श्रेणी विध्वंसक में 72 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है जो उनके पूर्ववर्ती पी15ए (59प्रतिशत) और पी15 (42प्रतिशत) श्रेणी विध्वंसक से एक नॉच ऊपर है।पी15बी (विशाखापत्तनम) का पहला जहाज 21 नवंबर 2021 को कमीशन किया गया था और दूसरा पोत (मोरमुगाओ) 18 दिसंबर 2022 को कमीशन किया गया।
तीसरे पोत (इम्फाल) को 20 अक्टूबर 2023 भारतीय नौसेना को सुपुर्द किया गया। चौथे पोत (सूरत) को 17 मई 2022 को लॉन्च किया गया था और यह आउटफिटिंग के अग्रिम चरण पर है।एमडीएल हमेशा देश के प्रगतिशील स्वदेशी युद्धपोत और पनडुब्बी निर्माण कार्यक्रम में अग्रणी रहा है। लिएंडर और गोदावरी श्रेणी पोत, खुखरी श्रेणी कॉर्वेट्स, मिसाइल बोट्स, दिल्ली और कोलकाता श्रेणी विध्वंसक, शिवालिक श्रेणी स्टील्थ फ्रिगेट्स, विशाखापत्तनम श्रेणी के विध्वंसक, नीलगिरि श्रेणी के युद्धपोत, एसएसके पनडुब्बियों और पांच स्कॉर्पीन पनडुब्बी के निर्माण के साथ, आधुनिक समय के एमडीएल का इतिहास भारत में स्वदेशी युद्धपोत और पनडुब्बी निर्माण का इतिहास प्रस्तुत करता है जहां इसने सही अर्थ में ‘राष्ट्र के युद्धपोत और पनडुब्बी निर्माता’ की उपाधि अर्जित किया है।