Kasturba Gandhi birth anniversary : कस्तूरबा गाधीं स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र बड़ा योगदान किया था
Kasturba Gandhi birth anniversary : चंपारण सत्याग्रह के दौरान महात्मा गांधी ने शिक्षा, स्वास्थ्य और साफ-सफाई के लिए भी काफी कुछ किया था । वे मानते थे कि इन सब की कमी उनके गुलाम बनकर रहेंगे । लोग जब तक पढ़ेंगे-लिखेंगे नहीं, स्वस्थ नहीं होंगे और अपने अधिकारों को नही पहचान पाएंगे । उन्हें असली आजादी तभी ही हासिल होगी ।
इस विचार से उन्होंने तीन स्कूल खोले जाए । इनमें पूर्वी चंपारण में दो और एक पश्चिम चंपारण के भितिहरवा में था। भितिहरवा सबसे महत्वपूर्ण था। यहां की बागडोर स्वयं कस्तूरबा गांधी और उनके प्रिय सहयोगी डा. देव के दी गई थी । कस्तूरबा गांधी का मुख्य काम इलाके की स्त्रियों से मिलना-जुलना और उन्हें स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति जगाना है ।
भितिहरवा निवासी स्वतंत्रता सेनानी मुकुटधारी प्रसाद चौहान के पौत्र चंदन चौहान व सेवानिवृत्त शिक्षक शिवशंकर चौहान ने बताया था कि कस्तूरबा गांधी के छह माह के प्रवास के दौरान आसपास की महिलाओं में शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागया था । खुद मुकुटधारी बाबू की मां ने इस अभियान से जुड़कर तंबाकू निषेध के लिए नशामुक्ति अभियान चलाया गया था । पूर्व सरपंच दिनेश प्रसाद यादव, रामबाबू चौरसिया का कहना था की कस्तूरबा गांधी के ऊपर भितिहरवा में काम करना महत्वपूर्ण है । उनकी स्मृतियों को संजोने व संवारने की जरूरत है ।
यहां उनकी इस्तेमाल की हुई चक्की, स्कूल की मेज, घंटी, कुआं समेत कई यादगार यादे हमारे बीच रह गई है । इसे देखने प्रतिदिन करीब 200 पर्यटक पहुंचते हैं। गांधी स्मारक संग्रहालय के प्रभारी शिवकुमार मिश्र का कहना है कि भितिहरवा में कस्तूरबा गांधी के योगदान पर बहुत बताया है , लेकिन उनके अवदान और कार्यों को ऐतिहासिक महत्व के दृष्टिकोण से देखने और काम करना Important है ।
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रिर्पोट – शिवी अग्रवाल