नई दिल्ली : कजाकिस्तान की कोयला खदान में भीषण आग लगने की खबर है। जानकारी के अनुसार इस भीषण आग की वजह से 21 लोगों की जलकर मौत हो गई। वहीं 25 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। खदान का संचालन करने वाली कंपनी आर्सेलरमित्तल तेमिरताउ ने एक बयान में यह जानकारी दी। कंपनी ने बताया कि जिस वक्त कोस्टेनको कोयला खदान में आग लगी, तो उसमें करीब 252 लोग काम कर रहे थे।
आशंका जताई जा रही है कि आग लगने का कारण मिथेन गैस हो सकती है। लक्समबर्ग स्थित दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इस्पात निर्माता बहुराष्ट्रीय कंपनी आर्सेलर मित्तल का स्थानीय प्रतिनिधि आर्सेलरमित्तल तेमिरताउ है। आर्सेलरमित्तल तेमिरताउ कारागांडा क्षेत्र में आठ कोयला खदानों का संचालन करती है।
इसके अलावा कंपनी के पास मध्य एवं उत्तरी कजाकिस्तान में चार लौह अयस्क खदानों के संचालन का जिम्मा भी है। कंपनी की इसी खदान अगस्त में भी आग लग गई थी जिसमें चार खनिकों की मौत हो गई थी। वहीं, नवंबर 2022 में एक अन्य कार्यस्थल पर मीथेन गैस के रिसाव से पांच लोगों की मौत हो गई थी।
कंपनी ने बयान में मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उनका प्रयास अब यह सुनिश्चित करना है कि प्रभावित कर्मचारियों को देखभाल और पुनर्वास के साथ सरकारी अधिकारियों से सहयोग मिले। कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट टोकायव ने शनिवार को कहा कि उनका देश आर्सेलरमित्तल तेमिरताउ के साथ निवेश सहयोग बंद कर रहा है। देश के महा अभियोजक के कार्यालय ने कोयला खदान में संभावित सुरक्षा उल्लंघनों की जांच की भी घोषणा की है।