नई दिल्ली: करवाचौथ एक ऐसा पर्व है जो पति- पत्नी के रिश्ते में अथाह प्यार व विश्वास भर देता है जिसमें दिनभर भूखे रहकर उपवास करने तथा शाम को पति के हाथों जल पीकर उपवास खोलने से लेकर छननी से चांद देखने, सजने-संवरने के पीछे तमाम आस्थाओं और भावनाओं का मकसद भी रहता है। ऐसे अवसर दाम्पत्य से जुडे मन के गहरे तार और एक-दूसरे के लिए दिल में गहरे प्रेम को भी अलग शब्दों में परिभाषित कर जाते हैं। कहीं पतियों के मन में भी इस बात का अहसास रहता है कि हमारी लंबी उम्र और सफलता के लिए पत्नियों ने व्रत रखा है।
बात करें करवा चौथ पूजा मुहूर्त की तो इसका शुभ मुहूर्त शाम 06:05 बजे से शाम 07:21 बजे तक है। तो वहीं, करवा चौथ व्रत का समय – सुबह 06:39 बजे से रात 08:59 बजे तक रहेगा। इसके अलावा चंद्रोदय का समय – रात्रि 08:59 बजे।
चांद को अर्घ्य देकर महिलाएं तोड़ती हैं अपना व्रत
करवा चौथ पति-पत्नी के बंधन और प्यार का खास उत्सव है। इस दिन को लेकर यह भी माना जाता है कि यह व्रत परिवार में सौभाग्य और समृद्धि लाता है। इस व्रत को पूरे दिन करने के बाद शाम को महिलाएं चंद्रमा को जल और मिठाई से अर्घ्य देती हैं और फिर अपना व्रत तोड़ती हैं।
चंद्रोदय?
करवा चौथ व्रत पर पंजाब में चांद रात 08 बजकर 10 मिनट पर निकलेगा। वहीं, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में चांद का दीदार रात 8:07 मिनट पर होगा।
करवा चौथ की सरगी में क्या-क्या करें शामिल
करवा चौथ की सरगी में 16 श्रृंगार का सामान जैसे कुमकुम, बिंदी, मेहंदी, चूड़ी, साड़ी, सिंदूर, बिछिया, काजल आदि जरूर शामिल करना चाहिए। सरगी में ताजे और मौसमी फलों को शामिल करना चाहिए। सरगी में सास अपनी बहू को मीठे के रूप में दूध से बनी खीर आदि भी दे सकती हैं।
सरगी का महत्व
करवा चौथ का व्रत हिंदू धर्म की महिलाओं के लिए सबसे प्रमुख व्रत में से एक है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा खुशहाल वैवाहिक जीवन और पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है। करवा चौथ के व्रत में सरगी का भी अपना एक महत्व है।
व्रत का समय?
करवा चौथ व्रत का समय-सुबह 06:39 बजे से रात 08:59 बजे तक रहेगा। इसके अलावा चंद्रोदय का समय – रात्रि 08 बजे के आसपास रहेगा।
करवा चौथ 2023 का क्या है शुभ मुहूर्त
करवा चौथ व्रत: सुबह 6:36 से रात 8: 26 बजे तक है।
करवा चौथ पूजा: शाम 5: 36 मिनट से शाम 6:54 मिनट तक है।
करवा चौथ चंद्रोदय का समय: 1 नंवबर रात 8:05 बजे