नई दिल्ली : कार्तिक मास की एकादशी पर तुलसी विवाह किया जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन विष्णु स्वरूप शालीग्राम और तुलसी की शादी करवाई जाती है। इस साल 23 नवंबर को तुलसी विवाह है। इसी दिन भगवान शालीग्राम और माता तुलसी का विवाह किया जाएगा।
एकादशी तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 22, 2023 को 11:03 पी एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त – नवम्बर 23, 2023 को 09:01 पी एम बजे
तुलसी विवाह पूजा विधि-
व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करें और व्रत संकल्प लें।
-इसके बाद भगवान विष्णु की अराधना करें।
-अब भगवान विष्णु के सामने दीप-धूप जलाएं। फिर उन्हें फल, फूल और भोग अर्पित करें।
-मान्यता है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी जरुरी अर्पित करनी चाहिए।
-शाम को विष्णु जी की अराधना करते हुए विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें।
पूर्व संध्या को व्रती को सिर्फ सात्विक भोजन करना चाहिए।
-व्रत के दौरान अन्न का सेवन नहीं किया जाता।
– व्रत खोलने के बाद ब्राहम्णों को दान-दक्षिणा दें।
देवउठनी एकादशी पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. इसके बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनकर भगवान विष्णु की पूजा करें. रात में घर के बाहर और पूजा घर में दीपक जलाना चाहिए. रात के समय विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और मीठे का भोग लगाना चाहिए.
तुलसी विवाह सामग्री लिस्ट-
पूजा में मूली, शकरकंद, सिंघाड़ा, आंवला, बेर, मूली, सीताफल, अमरुद और अन्य ऋतु फल चढाएं जाते हैं।
तुलसी पूजा में लगाएं ये चीजें
देवउठनी एकादशी पर पूजा स्थल में गन्नों से मंडप सजाया जाता है। उसके नीचे भगवान विष्णु की प्रतिमा विराजमान कर मंत्रों से भगवान विष्णु को जगाने के लिए पूजा की जाती है।
तुलसी विवाह के दिन व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत करने से जन्म और जन्म के पूर्व के पापों से मुक्ति मिल जाती है। कार्तिक मास की एकादशी को तुलसी विवाह का त्यौहार बेहद शुभ माना जाता है। तुलसी को विष्णुप्रिया नाम से भी जाना जाता है।