लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गायों की सटीक संख्या का पता लगाने और उनके कल्याण के लिए तदनुसार योजना बनाने के लिए उनकी व्यापक गणना करने का निर्णय लिया है. यह कदम राज्य में आवारा मवेशियों की समस्या के बीच उठाया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारत में ब्राजील के राजदूत केनेथ नोब्रेगा की उपस्थिति में आनंदा डेयरी के साथ ब्राजीलियन कंपनी अमेरिया पजोरा और बीएच एम्ब्रियोस के साथ औपचारिक एमओयू सम्पन्न हुआ.
मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी समझ, बढ़ते हुए द्विपक्षीय व्यापार तथा सर्वांगीण सहयोग है. गत दो वर्षों में भारत और ब्राजील के बीच द्विपक्षीय व्यापार दोगुना हो गया है. इसमें वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत से ब्राजील को 4.5 बिलियन यूएस डॉलर का निर्यात किया गया और ब्राजील से भारत द्वारा 7.14 बिलियन यूएस डॉलर का आयात हुआ है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत एवं ब्राजील के बीच कृषि, खाद्य प्रसंस्करण एवं पशुपालन द्विपक्षीय सहयोग के अन्य प्रमुख फोकस क्षेत्र हैं. ब्राजील और भारत के गोधन की आनुवंशिक विरासत समान है. सदियों पहले निर्यात किए गए गिर और कांकरेज जैसे भारतीय मवेशियों को बड़ी मात्रा में दूध देने के लिए तैयार किया गया है.
इससे पहले भारत में ब्राजील के राजदूत केनेथ नोब्रेगा ने उत्तर प्रदेश आगमन पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि दोनों देशों की प्रतिष्ठित कंपनियों के बीच हुआ यह व्यपारिक समझौता देशों के बीच पारस्परिक संबंधों को और मजबूत करने वाला होगा. कार्यक्रम के दौरान, आनंदा डेयरी, अमेरिया पजोरा और बीएच एम्ब्रियोस के प्रतिनिधियों ने अपनी भावी योजनाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार गोवंश संवर्धन, संरक्षण के लिए अब तीन श्रेणियों में गोवंश की गणना कराएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि तीनों श्रेणियों में प्राथमिकता के आधार पर गणना कराई जाए. इसके बाद इसकी जियो टैगिंग की जाए. पहले चरण में इन गोवंशों की गणना कराई जाएगी. इसके बाद अगले चरण में इनसे जुड़ी कार्ययोजना बनाकर उस पर कार्य होगा, जिससे गोवंश को समुचित स्थान मिले.
सरकार कान्हा उपवन के जरिए गोवंश का संरक्षण कर रही है, लेकिन सड़कों पर घूमने वाले गोवंशों का भी संवर्धन हो और इनकी वजह से आमजन-किसानों को परेशानी न हो. इस पर भी योगी सरकार का पूरा ध्यान है. सरकार की तरफ से बताया गया है कि वर्तमान में 6889 निराश्रित गोवंश स्थलों में 11.89 लाख गोवंश संरक्षित हैं. इनके साथ-साथ गोवंश संरक्षण के लिए संचालित मुख्यमंत्री सहभगिता योजना के भी अच्छे परिणाम मिले हैं.
अब तक 1.85 लाख से अधिक गोवंश इस योजना के तहत गो-सेवकों को सुपुर्द किए गए हैं. निराश्रित गोवंश स्थलों तथा गोवंश की सेवा कर रहे सभी परिवारों को गोवंश के भरण-पोषण के लिए वर्तमान में 30 रुपये प्रति गोवंश की दर से उपलब्ध कराई जा रही धनराशि बढ़ाकर 50 रुपये प्रति गोवंश की गई.
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि, राज्य सरकार बेसहारा मवेशियों की देखभाल और प्रबंधन के लिए एक मजबूत प्रणाली स्थापित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। सरकार ने तीन प्राथमिकता श्रेणियों में गायों की व्यापक जनगणना करने के निर्देश जारी किए हैं, जिसमें पशुपालकों के पास बेसहारा पशुओं, कान्हा उपवन और सड़कों पर छोड़े गए पशुओं की संख्या निर्धारित करना शामिल है।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश जारी किया है कि तीनों श्रेणियों की गिनती प्राथमिकता के आधार पर की जाए।इसके बाद आवारा मवेशियों की जियो टैगिंग की प्रक्रिया अमल में लाई जानी है। पहले चरण में इन गायों की गिनती की जाएगी। इसके बाद, अगले चरण में, इन गायों से संबंधित एक कार्य योजना तैयार की जाएगी और उसे लागू किया जाएगा ताकि उन्हें उपयुक्त आश्रय प्रदान किया जा सके।
जहां सरकार कान्हा उपवन के माध्यम से पशु संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है, वहीं आम आदमी और किसानों को किसी भी असुविधा से बचाने के लिए सड़कों पर घूमने वाली गायों की सुरक्षा पर भी उतना ही जोर दिया जा रहा है।
निराश्रित गोवंश के संरक्षण की दिशा में योगी सरकार के निरंतर प्रयासों के संतोषजनक परिणाम मिल रहे हैं। वर्तमान में 6,889 निराश्रित पशु प्रजनन स्थलों में 11.89 लाख गायें संरक्षित हैं। गौरतलब है कि गौ संरक्षण के लिए चलायी गयी मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के भी अच्छे परिणाम आये हैं। इस योजना के तहत अब तक 1.85 लाख से ज्यादा गायें गौ सेवकों को सौंपी जा चुकी हैं।