नई दिल्ली : दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। इसके चलते सरकार ने बुधवार को बड़ा कदम उठाते हुए ओला-उबर कैब पर रोक लगाने के साथ सभी स्कूलों को 9 दिन के लिए पूरी तरह बंद रखने का फैसला लिया है। वाहनों से फैला काला धुआं और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली की हवा दमघोंटू हो रही है। इस बीच नासा ने सैटेलाइट तस्वीर जारी की है। तस्वीर से पता चलता है कि पलूशन सिर्फ दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं है, यह धुंध पाकिस्तान से बंगाल की खाड़ी तक फैला हुआ है।
दिल्ली-एनसीआर में फैले वायु प्रदूषण के बीच नासा के वर्ल्डव्यू ने सैटेलाइट तस्वीर जारी की है। इस तस्वीर से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पलूशन का काला और जहरीला धुआं पाकिस्तान के पंजाब से लेकर बंगाल की खाड़ी तक फैला हुआ है। डेटा से पता चलता है कि पलूशन की वजह उत्तर भारतीय राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी भी है। नासा के आंकड़ों से पता चलता है कि 29 अक्टूबर के बाद से खेतों में आग लगने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि देखी गई है। पंजाब में 29 अक्टूबर को 1,068 खेतों में आग लगने की घटनाओं के साथ पराली जलाने की घटनाओं में 740 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। यह आंकड़ा पराली जलाने की घटनाओं में एक दिन में सबसे अधिक है।
बुधवार सुबह दिल्ली के कुछ इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 तक पहुंच गया। नई दिल्ली पिछले छह दिनों से दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में टॉप पर है। वायु गुणवत्ता के गंभीर श्रेणी में पहुंचने के बाद दिल्ली सरकार ने कई नए प्रतिबंधों का ऐलान किया है। ओला-उबर पर रोक के साथ दिल्ली के सभी स्कूलों को 9 नवंबर से 18 नवंबर तक पूरी तरह बंद रखने की फैसला लिया गया है। साथ ही सरकार निजी कारों के लिए ऑड-ईवन योजना लागू भी करने वाली है।
इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने पलूशन पर चिंता जताई और दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों से कहा कि वे केंद्र के साथ तत्काल चर्चा करें कि खेतों में आग कैसे रोकी जाए। अदालत ने कहा है कि वह इसे राजनीतिक लड़ाई नहीं बनने दे सकती।