नयी दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर (S.Jaishankar) और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinkan) ने ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तीय वार्ता से पहले शुक्रवार सुबह बातचीत की। ब्लिंकन और अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड आस्टिन विदेश और रक्षा मंत्रिस्तरीय वार्ता में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली में हैं। इस वार्ता का उद्देश्य गहन रणनीतिक सहयोग के लिए भारत और अमेरिका के संबंधों के भविष्य के खाके को आगे बढ़ाना है।
वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जयशंकर कर रहे हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘टू प्लस टू’ वार्ता और राजनाथ एवं ऑस्टिन के बीच होने वाली द्विपक्षीय बैठक में रणनीतिक, रक्षा तथा प्रौद्योगिकी संबंधी कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
वहीं आज भारत-अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद के दौरान, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, “भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों में रणनीतिक हितों का बढ़ता अभिसरण और रक्षा, सुरक्षा और खुफिया सहयोग में वृद्धि देखी गई है। रक्षा सबसे महत्वपूर्ण में से एक बनी हुई है हमारे द्विपक्षीय संबंधों के स्तंभ। आपकी भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और अमेरिका पहले से कहीं अधिक करीब हैं। विभिन्न उभरती भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद, हमें महत्वपूर्ण और दीर्घकालिक मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित रखने की आवश्यकता है। हमारी साझेदारी महत्वपूर्ण है एक स्वतंत्र, खुले और नियमों से बंधे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए। हम क्षमता के क्षेत्र में और चुनौतियों का समाधान करने वाली साझेदारियों के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं।”
विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘टू प्लस टू’ संवाद के जरिये रक्षा और सुरक्षा सहयोग, प्रौद्योगिकी मूल्य शृंखला सहयोग और दोनों देशों के लोगों के बीच परस्पर संबंधों में प्रगति की उच्चस्तरीय समीक्षा हो सकेगी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मंत्रियों को इस साल जून और सितंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा अपनी चर्चाओं में परिकल्पित भारत-अमेरिका साझेदारी के भविष्य के खाके को आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा।”
बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष समसामयिक क्षेत्रीय मुद्दों का भी जायजा लेंगे और बहुपक्षीय मंच तथा क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) जैसे ढांचे के माध्यम से सहयोग बढ़ाने के लिए साझा प्राथमिकताओं के बारे में विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।