लखनऊ: अब विदेशी निवेश सिर्फ कुछ राज्यों तक सिमटकर नहीं रह गया है. भले ही विदेशी निवेश में महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात का दबदबा हो, लेकिन अब दूसरे राज्यों ने भी इसे गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है. इस फेहरिस्त में उत्तर प्रदेश का नाम बड़ी प्रमुख से लिया जा रहा है. विदेशी निवेशकों का भरोसा भी इस राज्य में लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में जापान के एक बड़े ग्रुप ने यूपी में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश करने की प्लानिंग की है.
यूपी सरकार में इंडस्ट्रीयल इंवेस्टमेंट को देखने वाली कमेटी ने नई एफडीआई पॉलिसी के तहत जापानी कंपनी को मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए लैंड सब्सिडी देने की सिफारिश की है. इस जापानी कंपनी का नाम फूजी सिल्वरटेक है. यह कंपनी प्रीकास्ट कंक्रीट प्रोडक्ट बनाने वाली जापान की लीडिंग कंपनियों में से एक है. इस यूनिट को यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में लगाया जाना है.
फूजी सिल्वरटेक कंपनी फूजी ग्रुप का कंसोर्टियम है, जिसने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम के ड्रेनेज इंफ्रस्ट्रक्चर को डिजाइन करने के साथ निर्माण भी है. दूसरी तरफ दिल्ली के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में भी शामिल रही है. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में कंपनी ने फायर रसिस्टेंट अंडरग्राउंड डक्टिंग और प्रीकास्ट का काम किया है. कंपनी ने अपने प्रस्ताव में कहा कि उसने यूपी में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की योजना बनाई है.
अधिकारियों ने बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कमिश्नर मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रपोजल पर विचार किया गया और कंपनी को यमूना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट अथॉरिटी के सेक्टर-32 में 20 एकड़ जमीन आवंटित की जाएगी, जो यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे और जेवर में आगामी नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास है.
यमूना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह ने कहा कि अब कंपनी को अंतिम मंजूरी के लिए अपना प्रपोजल स्टेट कैबिनेट को भेजना होगा. यह पॉलिसी की एफडीआई कैटेगिरी के तहत लाभ पाने वाली और 75 फीसदी रियायती दरों पर जमीन पाने वाली पहली कंपनी है. प्राधिकरण के सेक्टर-28 में डाटा सेंटर्स बनाने के लिए फॉर्च्यून-500 की लिस्ट में शामिल सिफी इनफिनिट स्पेस को भी लैंड दी गई है. सिंह ने आगे कहा कि जैक्सन लिमिटेड कंपनी को डाटा सेंटर के लिए जमीन आवंटित की गई है, लेकिन उन्हें पॉलिसी के तहत लाभ नहीं मिलेगा क्योंकि कंपनी फॉर्च्यून-500 लिस्ट का हिस्सा नहीं है.
येडा सीईओ ने आगे कहा कि नई पॉलिसी के तहत हमें कुल तीन प्रपोजल मिले थे, जिनमें से दो को स्वीकार कर लिया गया है. थ्री हैंड्स इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रपोजल को टाल दिया गया है क्योंकि कंपनी प्राधिकरण एफडीआई मापदंडों पर खरी नहीं उतरी है. मामला विचाराधीन है. दोनों कंपनियां, जिन्हें डाटा सेंटर के लिए लैंड दी गई है वो 1,757 करोड़ रुपए का निवेश करेंगी और 775 लोगों को जॉब मिलेगी.
लैंड सब्सिडी के साथ, कंपनियों को आर एंड डी के लिए 2 करोड़ रुपये, श्रमिकों को भुगतान के लिए 10 करोड़ रुपये, स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क में एरिया स्पेसिफिक छूट, पांच साल के लिए बिजली शुल्क में 100 फीसदी छूट और अधिकतम 500 लोगों को ट्रेनिंग कॉस्ट के रूप में हरेक व्यक्ति के लिए 5000 रुपए हर महीने मिलेंगे.
देश में एफडीआई प्राप्त करने के मामले में यूपी 11वें स्थान पर है. अक्टूबर 2019 से दिसंबर 2022 तक देश भर में 13.42 लाख करोड़ रुपये की एफडीआई थी. जिसमें यूपी की हिस्सेदारी 0.7 फीसदी यानी 9,435 करोड़ रुपए देखने को मिली है. महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात टॉप तीन राज्य हैं जिन्होंने सामूहिक रूप से इस दौरान 69 फीसदी से अधिक एफडीआई हासिल की है.