नई दिल्ली: इजरायल और हमास के बीच (Israel Hamas War) झिड़ी जंग की वजह से कई मासूमों ने अपनी जान गंवा दी है। गत 7 अक्टूबर को इजरायल में घुसकर फिलिस्तीन (Palestine) के चरमपंथी संगठन हमास के लड़ाकों के हमला किया था। जिसके बाद से ही इजरायली सैन्य बल गाजा पट्टी को घेरकर लगातार हमले कर रहे हैं। इसी बीच शनिवार (11 नवंबर ) को सऊदी अरब में इस्लामिक सहयोग संगठन और अरब लीग की बैठक हुई है।
सऊदी अरब में हुई इस बैठक में दुनियाभर के मुस्लिम देशों के नेता शामिल हुए। जिसमें पाकिस्तान ने भी शिरकत की है। इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की इस आपातकालीन बैठक में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने के लिए पाकिस्तान के केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर शुक्रवार को ही सऊदी अरब की राजधानी रियाद पहुंच गए थे।
बता दें कि, इस बैठक से शुक्रवार (10 नवंबर) देर रात सऊदी अरब विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि संयुक्त बैठक फिलिस्तीनी क्षेत्र गाजा पट्टी की स्थितियों को ध्यान में रखकर की जा रही है, क्योंकि इस बैठक की जरूरत महसूस की गई है। इस बैठक में ईरान, तुर्की, कतर और पाकिस्तान के साथ-साथ दर्जनों इस्लामिक देश शामिल हुए।
ओआईसी और अरब लीग की इस आपातकालीन बैठक में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन, कतर के शेख तमीम बिन हमद अल थानी और सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने हिस्सा लिया। ऐसे में अब माना जा रहा है कि मुस्लिम देशों की यह बैठक इजरायल और अमेरिका पर दबाव बनाने की कोशिश है ताकि गाजा पट्टी में जवाबी हमले को रोका जा सके।
ज्ञात हो कि, अरब बैठक से पहले ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने सीधे तौर पर इस जंग में कूदने का इशारा कर दिया है। उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे पर बातचीत के बजाय अब इस संघर्ष को लेकर कार्रवाई करने का समय आ गया है। इतना ही नहीं सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भी गाजा पट्टी में जारी इजरायली हमले की कड़ी निंदा की है।