बदायूं के बगरैन में बंदर द्वारा सड़क पर फेंका गया विषाक्त पदार्थ का पैकेट तीन मासूम बच्चों के लिये जानलेवा बन गया। पैकेट को चूरन समझकर चाटने से सगे भाई समेत तीन बच्चों की हालत बिगड़ गई। सगे भाइयों को बिसौली ले जाया गया, जहां एक मासूम की मौत हो गई। उसके भाई का इलाज चल रहा है। परिजनों ने बच्ची को देसी घी पिलाकर उल्टी करा दी जिससे उसकी हालत में सुधार है। देर शाम पुलिस जांच के घटनास्थल पर पहुंची।
बगरैन निवासी गुड्डू अली का बेटा राहत अली उर्फ ईशान (4), छोटा बेटा आतिफ (2) और पड़ोस के तहजीब की बेटी मन्नत (5) शनिवार दोपहर घर के बाहर खेल रहे थे। इसी दौरान एक बंदर विषाक्त पदार्थ का पैकेट सड़क पर फेंक गया। बच्चों ने उस पैकेट को उठा लिया और उसे चूरन समझकर चाटना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में तीनों बच्चों की हालत बिगड़ गई। तीनों बच्चों के मुंह से झाग निकलने लगा। लोगों की मदद से परिजन तीन बच्चों को लेकर बिसौली के एक अस्पताल पहुंचे। यहां आतिफ (2) की मौत हो गई जबकि राहत का इलाज चल रहा है। पुलिस ने घटना की जानकारी ली है।
वजीरगंज थाना क्षेत्र के कस्बा बगरैन में हुई दुखद घटना की जांच करने रात करीब नौ बजे वजीरगंज इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे, लेकिन उस दौरान परिजन मौसूम बच्चे के शव को सुपुर्द-ए खाक कर चुके थे। इंस्पेक्टर ने परिजनों से घटना की जानकारी ली। उपचारत बच्चे के बारे में भी जानकारी ली। इसके बाद जहरीले पैकेट को तलाशने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस को वह पैकेट नहीं मिल सका। पुलिस चूहा मार दवा के पैकेट की आशंका जताई रही है। जिसके चटने से तीनों बच्चों की हालत बिगड़ने के बाद एक की मौत हो गई।
बगरैन निवासी गुड्डू अली कारपेंटर है। वह कस्बे में ही कारपेंटर का कार्यकर अपने परिवार का पालन पोषण करते है। परिजनों ने बगैर पुलिस को सूचना दिए मासूम के शव को सुपुर्द ए-खाक कर दिया। जब तक पुलिस गांव पहुंची तब तक परिजन शव को दफन कर चुके है। पुलिस ने जहरीले पैकेट को तलाशने के लिये काफी मेहनत की, लेकिन वह पैकेट नहीं मिल सका। इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने परिजनों से बात की। परिजनों की ओर से पुलिस को सूचना नहीं दी गई थी। इस वजह से शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका है।