प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के एलान के बाद विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया देने शुरू कर दी है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से लेकर बीएसपी मुखिया मायावती, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. अब एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. ओवैसी ने कहा है कि मोदी सरकार अब जल्द ही CAA का कानून भी वापस लेगी.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘सरकार ने कृषि क़ानूनों को रद्द करने का फैसला देरी से लिया है. यह किसान आंदोलन और किसानों की सफलता है. चुनाव में जाना था इसलिए केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है. वह दिन भी दूर नहीं है, जब मोदी सरकार CAA का कानून भी वापस लेगी.’
इसके अलावा ओवैसी ने कश्मीर में 370 धारा हटाने और किसानों को मुआवजा देने पर भी प्रतिक्रिया दी. ओवैसी ने कहा, ‘370 हटाने के बाद कहां से कश्मीर स्टेबल हो गया. कश्मीर में कोई हालात नहीं बदलें. आप अपने वैचारिक विचार साधने के लिए ये सब कर रहे हैं. हर मोर्चे पर मोदी सरकार नाकाम है. हालत-ए-मजबूरी में इस कानून को वापस लेना पड़ा. यकीनन सरकार को जिन किसानों की मौत हुई है, उन 700 किसानों की मदद (मुआवजा) देना चाहिए. मोदी सरकार उनको मुआवजा दे. मोदी सरकार ने अपनी इगो को सैटिस्फाई करने के लिए ये कानून लाया. ये रोचक होगा देखना कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में इस फ़ैसले का क्या असर होता है. आंदोलन जारी रखना है या नहीं, ये किसानों को तय करना है.’
वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि अमीरों की बीजेपी ने भूमिअधिग्रहण व काले कानूनों से गरीबों-किसानों को ठगना चाहा. कील लगाई, बाल खींचते कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-कानून वापस ले ही लिए. भाजपा बताए सैंकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सजा कब मिलेगी?
बीएसपी मुखिया मायावती ने कहा कि किसानों का संघर्ष और बलिदान रंग लया है. तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का निर्णय बहुत पहले हो जाना चाहिए था. फिर भी किसानों की एमएसपी पर कानून की मांग लंबित है. बीएसपी की मांग है कि संसद के आगामी सत्र में केंद्र इस संबंध में (एमएसपी) पर कानून लाए. प्रियंका गांधी वाड्रा ने सिलसिलेवार तीन ट्वीट किए. प्रियंका ने कहा कि आपकी नियत और आपके बदलते हुए रुख पर विष्वास करना मुश्किल है. किसान की सदैव जय होगी. जय जवान, जय किसान, जय भारत.