अब भारतीय न्याय संहिता की बारी, खत्म होंगे IPC और CRPC; शीत सत्र में पेश होंगे विधेयक

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नई दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू होगा और 22 तारीख तक चलेगा। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने इससे पहले 2 दिसंबर को सर्वदलीय मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में विंटर सेशन को लेकर चर्चा की जाएगी। आमतौर पर सत्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले ही सर्वदलीय बैठक बुलाई जाती है। लेकिन इस बार 5 राज्यों के चुनाव नतीजे आने वाले हैं। ऐसे में सरकार ने 2 तारीख को ही बैठक बुला ली है।

मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के चुनाव नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे। ऐसे में इन नतीजों की गूंज भी संसद में दिख सकती है। सरकार इस सत्र में कई अहम विधेयकों को भी पारित कराने की कोशिश में होगी। ऐसे में चुनाव नतीजे उसके पक्ष में आते हैं तो उसे अधिक ताकत मिलेगी। वहीं कांग्रेस को चुनाव में फायदा हुआ तो फिर संसद के समीकरण भी कुछ बदले दिख सकते हैं। यही नहीं इसी सेशल में एथिक्स कमेटी की महुआ मोइत्रा पर रिपोर्ट भी पेश की जाएगी। कैश और गिफ्ट के बदले संसद में गौतम अडानी को लेकर सवाल पूछने के आरोप महुआ मोइत्रा पर लगे थे। इन आरोपों की जांच एथिक्स कमेटी ने की थी और रिपोर्ट तैयार है। अब इसे संसद में पेश किया जाना है।

इस रिपोर्ट को संसद में स्वीकार करने के बाद महुआ मोइत्रा के संसद से निष्कासन पर मुहर लग जाएगी। इसी सेशन में भारतीय न्याय संहिता समेत तीन अहम विधेयक भी पेश जाएंगे। ये विधेयक आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस ऐक्ट की जगह लेंगे। इन तीनों विधेयकों को गृह मामलों की संसदीय समिति ने पहले ही मंजूरी दे दी है। इसके अलावा चीफ इलेक्शन कमिश्नर और अन्य आयुक्तों की नियुक्ति वाला विधेयक भी संसद में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। इस विधेयक को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों को तीखा ऐतराज रहा है।

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