खरमास की शुरुआत के साथ मांगलिक आयोजन पर लगेगी रोक, पांच ग्रह बदलेंगे अपना स्थान

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इंदौर : इस महीने हिंदुओं के लिए खास महत्व रखने वाले कालभैरव के पूजन का अवसर आएगा। साथ ही युद्ध के मैदान में भगवान कृष्ण के मुख से गीता के अवतरण दिन मोक्षदा एकदशी भी होगी। महीने के अंतिम सप्ताह में मठ-मंदिर और आश्रमों में दत्त जयंती का तो गिरजाघरों में क्रिसमस का उल्लास छाएगा। इसके साथ सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ मांगलिक कार्यों पर विराम लगेगा और खरीदी के अंतिम महामुहूर्त गुरु-पुष्य का संयोग भी बनेगा।

ज्योतिर्विद् देवेंद्र कुशवाह ने बताया कि हिंदू पंचांगों के अनुसार दिसंबर में भगवान कृष्ण को समर्पित मार्गशीर्ष महीना रहेगा। मार्गशीर्ष महीना 28 नवंबर से 26 दिसंबर तक है। इस महीने पांच दिसंबर अष्टमी तिथि पर भगवान शिव के रुद्र अवतार माने जाने वाले कालभैरव का पूजन होता है।

कृष्णपक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। इस दिन लक्ष्मी नारायण का पूजन की जाती है। इस व्रत से वाजपेयी यज्ञ के समान पुण्य की प्राप्ती होती है। मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि 26 दिसंबर को दत्तात्रेय जयंती मनाई जाएगी। भगवान दत्तात्रेय को ब्रह्मा, विष्णु और शिव का अंश माना जाता है।

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