नई दिल्ली. द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) सांसद डी.एन.वी. सेंथिलकुमार एस. (Senthil Kumar) के ‘गौमूत्र राज्यों’ (Gaumutra States) वाले विवादित बयान को लेकर जमकर सियासत गरमा गई है। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Pragya Singh Thakur) ने सेंथिलकुमार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हम ‘गौमाता’ के उपासक हैं। उन्होंने कहा कि ‘गौमूत्र’ एक औषधि है। इससे सोरायसिस जैसी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। सेंथिलकुमार को देश माफी मांगनी चाहिए।
प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा, “हमें गर्व है कि हम ‘गौमाता’ के उपासक हैं। मध्य प्रदेश में पहले से ही ‘गौमाता’ की पूजा की जा रही है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी गायों की रक्षा के लिए सत्ता में आई है। लेकिन DMK सांसद को सदन और देश से माफी मांगनी होगी। उन्होंने हिंदी भाषी क्षेत्र और गौमाता का अपमान किया है।” ठाकुर ने दावा किया गौमूत्र एक औषधि है और इससे कई बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “गौमूत्र एक औषधि है। इससे सोरायसिस जैसी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। तमिलनाडु और कर्नाटक में भी गौशालाएं हैं। सनातन धर्म के प्रतीकों का अपमान देश बर्दाश्त नहीं करेगा।
गौरतलब है कि सेंथिलकुमार ने आज संसद में कहा, “इस देश के लोगों को यह सोचना चाहिए कि भाजपा की ताकत केवल हिंदी राज्यों में चुनाव जीतना है, जिन्हें हम आम तौर पर ‘गौमूत्र’ राज्य कहते हैं। उन्होंने कहा, “आप (भाजपा) दक्षिण भारत में नहीं आ सकते। आप देख लीजिए कि केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में चुनाव परिणाम क्या आया। हम वहां बहुत मजबूत हैं।” उन्होंने कहा, “हमें हैरानी नहीं होगी यदि आप इन सारे राज्यों को केंद्र शासित प्रदेशों में बदलने के विकल्प पर विचार करने लगें ताकि आप परोक्ष रूप से यहां सत्ता में आ सकें। आप वहां पैर जमाने का सपना कभी पूरा नहीं कर सकते।”
सेंथिलकुमार ने अपने बयान पर दी सफाई
जब मैंने सदन के अंदर बयान दिया तो उस समय गृह मंत्री और भाजपा सदस्य वहां मौजूद थे। मैंने पहले भी अपने संसद भाषणों में इसका उपयोग किया है। यह कोई विवादास्पद बयान नहीं था। अगर इससे किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं अगली बार इसका उपयोग करने से बचने का प्रयास करूंगा। मैं यह बताने के लिए कुछ अन्य शब्दों का उपयोग करूंगा कि भाजपा कहां वोट पाने में मजबूत है।
अलग शब्दों का इस्तेमाल करूंगा
यह पूछे जाने पर कि क्या इस तरह की टिप्पणियों से लोगों की भावनाएं आहत होंगी, सेंथिलकुमार ने कहा, “नहीं, मुझे नहीं लगता कि किसी की भावनाएं आहत हुई हैं। सदन के अंदर कुछ भी विवादास्पद नहीं था। अगर लोगों को यह विवादास्पद लगता है तो मैं अपने मतलब को समझाने के लिए कुछ अलग शब्दों का इस्तेमाल करूंगा।”