नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कथित वीडियोकॉन ऋण धोखाधड़ी मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर को दी गई 11 महीने की अंतरिम जमानत जारी रखने पर नाराजगी जताई।शुरुआत में न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और एस.सी. शर्मा की पीठ के समक्ष कोचर की ओर से स्थगन का अनुरोध किया गया।न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से पूछा, ”क्या अंतरिम जमानत अभी भी जारी है? आप विरोध क्यों नहीं कर रहे?”इस पर एएसजी राजू ने कहा कि सीबीआई आपत्ति जता रही है।
अंतरिम आदेश को रद्द करने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष एक आवेदन दायर करेंगे।उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत देने का आधार अपने आप में गलत है और इसलिए, इसे सीबीआई द्वारा शीर्ष अदालत में चुनौती दी जा रही है। शीर्ष अदालत ने आखिरी मौका देते हुए कहा कि वह इस मामले पर 11 दिसंबर को सुनवाई करेगी।शीर्ष अदालत के समक्ष एक विशेष अनुमति याचिका में, सीबीआई ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें कोचर और उनके पति दीपक कोचर को इस आधार पर न्यायिक हिरासत से रिहा करने का निर्देश दिया गया था कि की गई गिरफ्तारी कानून के अनुसार नहीं थी।केवल दो सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत देने का 9 जनवरी का हाईकोर्ट का आदेश अभी भी जारी है। चंदा कोचर और उनके परिवार पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान वीडियोकॉन समूह को दिए गए ऋण के बदले में रिश्वत प्राप्त की थी।