नई दिल्ली : दिसंबर में तीन दिन आपको शहनाई की गूंज सुनाई देगी. इसके बाद शादी पर विराम लग जाएगा. क्यूंकि इस बार साल का खरमास आखिरी महीने के 17 दिसंबर 2023 से शुरू होगा. यह एक महीने का शुरू होगा. जो 15 जनवरी 2024 तक रहेगा. इस मध्य में सनातन धर्म और हिंदू सभ्यता के वेद और ग्रंथ के मुताबिक किसी भी तरह के मांगलिक या शुभ कार्य नहीं किया जा सकेगा. सभी तरह के मांगलिक कार्य पर पूरे 1 महीने का ब्रेक लग जाएगा.
शास्त्रों के मुताबिक खरमास में किसी तरह के मांगलिक कार्य जैसे विवाह, उपनयन, मुंडन, गृह प्रवेश, गृह आरंभ, दुरागमण, नामकरण जैसे कार्य नहीं होते. आइए जानते हैं कब से मलमास शुरू होगा.
ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि इस बार धनु में सूर्य का प्रवेश 17 दिसंबर को होगा. इसलिए संक्रांति 17 दिसंबर 2023 को पड़ेगा. 15 जनवरी 2024 को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इसके बाद सभी तरह के मांगलिक कार्य किया जा सकता है. मतलब इस दिन खरमास का समापन होगा.
खरमास के दौरान दैनिक कर्म जारी रहेगा. जैसे कुल देवता का पूजा करना, गायत्री संध्या, शिवलिंग की पूजा करने में कोई दोष नहीं है. इसमें सिर्फ संस्कार आदि जैसे नामकरण, वधू प्रवेश, विवाह, दुरागमन, उपनयन इत्यादि जैसे कुल 48 प्रकार के संस्कार होते हैं, जिसमें 16 संस्कार अभी होते हैं, वह संस्कार नहीं किया जाएगा. इस समय में ना शादी होगी, ना दुरागमान होगा, ना गृह प्रवेश होगा और ना घर बनाने का काम आरंभ किया जाएगा. लेकिन यदि कोई व्यक्ति बीमार हो गए, वह अपने ग्रह शांति के लिए जप कर सकता है.
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, सूर्य जब गुरु की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो वह अपने गुरु की सेवा में लग जाते हैं और उनका प्रभाव कम हो जाता है। यही वजह है कि इस वक्त कोई भी शुभ कार्य नहीं होता है। यह भी माना जाता है कि खरमास के दौरान गुरु का बल भी कमजोर हो जाता है और शुभ कार्य के वक्त सूर्य और गुरु दोनों का ही शुभ स्थिति में होना जरूरी है इस वजह से खरमास में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
खरमास के दौरान विवाह, सगाई या फिर शादी से जुड़ा कोई भी कार्य करना मना होता है। कहा जाता है कि खरमास में शादी या सगाई करने वाले दंपतियों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उन्हें वैवाहिक सुख नहीं मिलता है।
खरमास में नए घर में प्रवेश भी नहीं किया जाता है। ऐसा करने से दोष लगता है और घर में रहने वाले लोगों का जीवन तनाव में कटता है।
खरमास में किसी प्रकार के नए व्यापार का आरंभ भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से सफलता के रास्ते में बाधा आती है और आपको नए कार्य में काफी संघर्ष करना पड़ता है।
खरमास में मुंडन, जनेऊ या फिर कोई अन्य संस्कार करना भी अच्छा नहीं माना जाता है। खरमास में व्यक्ति को ध्यान लगाकर भगवान की पूजा करनी चाहिए और सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
खरमास में क्या करना चाहिए
खरमास में रोजाना सुबह उठकर सूर्य की पूजा करनी चाहिए और सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए।
खरमास में जप, तप, दान आदि करने से आपके जीवन से सभी प्रकार के कष्ट समाप्त होते हैं और आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
खरमास में गाय, गुरु, ब्राह्मण और संन्यासियों की सेवा करनी चाहिए। इस महीने पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व होता है। ऐसा करने से आपको पुण्य की प्राप्ति होती है।
खरमास में किसी पवित्र तीर्थस्थान की यात्रा करने से आपको विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और आपको बैकुंठ लोक में स्थान प्राप्त होता है।