नई दिल्ली : अयोध्या के अलग-अलग स्थानों पर लगाए जा रहे सूर्य स्तंभ (sun pillar)पर बात करते हुए अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि प्रभु श्रीराम सूर्यवंशी थे. इसलिए सूर्य का अयोध्या में विशेष महत्व है. इसके अलावा अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में भी विकसित किया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण जोर-शोर से चल रहा है. इस बीच शहर में 25 स्थानों पर सूर्य स्तंभ लगाए जा रहे हैं. इन सूर्य स्तंभों का बहुत अधिक महत्व है. इन्हें लगाने के मकसद के पीछे एक बहुत गहरा संदेश छिपा है.
अयोध्या के अलग-अलग स्थानों पर लगाए जा रहे सूर्य स्तंभ पर बात करते हुए अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि प्रभु श्रीराम सूर्यवंशी थे. इसलिए सूर्य का अयोध्या में विशेष महत्व है. इसके अलावा अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में भी विकसित किया जा रहा है. इन प्रतीकों के जरिए ही सूर्य की महिमा को प्रदर्शित किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि भगवान सूर्य के लिए श्रद्धालुओं के मन में श्रद्धा भाव आए. इसलिए भी जगह-जगह सूर्य स्तंभ लगाए जा रहे हैं.
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने आगे बताया कि इन प्रतीक चिन्हों पर पौराणिक चीजें उकेरी जाएंगी. ताकि श्रद्धा का भाव ही लोगों के मन में परिलक्षित हो. इसके अलावा भी तमाम पौराणिक महत्व के प्रतीक चिन्ह इस पर लगाए जाएंगे.
शिंदे ने कहा था कि राम मंदिर के निर्माण के साथ करोड़ों लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का आभार. यह उनकी ‘श्रद्धा, अस्मिता और भक्ति’ के लिए फलदायी होगा. शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे भी चाहते थे कि अयोध्या में एक भव्य मंदिर बनाया जाए. उन्होंने आगे कहा था कि पवित्र नगरी पूरी तरह से बदल गई है और दुनिया का एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल बन गई है.
श्री राम जन्मभूमि मंदिर के भूतल पर पूर्व और पश्चिम दिशा में लंबाई 380 फीट है तथा उत्तर और दक्षिण दिशा में चौड़ाई 250 फीट होगी. यह मंदिर भूतल के साथ तीन मंजिल का होने वाला है. मंदिर की कुल ऊंचाई 392 फीट होगी जिसमें भूतल 166 फीट, प्रथम तल 144 फीट और द्वितीय तल 82 फीट ऊंचा होगा।