नई दिल्ली/जयपुर: जहां एक तरफ छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नए चेहरों को मुख्यमंत्री घोषित कर BJP ने सभी अटकलों, कयासों और समीकरणों को जैसे मिटा दिया है। वहीं अब सबकी निगाह राजस्थान (Rajasthan) पर केन्द्रित हो गई हैं। ऐसा माना जा रहा है कि BJP यहां भी छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की तरह ही कोई चौंकाने वाला बड़ा फैसला आज ले सकती है।
राजस्थान में नेताओं का ब्लड प्रेशर और धड़कनें तेज
दरअसल छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री फेस का ऐलान होने के बाद जैसे राजस्थान में नेताओं का ब्लड प्रेशर और धड़कनें तेज हैं। अब सूबे में CM सीएम की कुर्सी पर आसीन होगा, ये भी आज साफ हो जाएगा। आज विधायक दल की बैठक में नवनिर्वाचित विधायक अपने नेता को चुनेंगे। इससे पहले पर्यवेक्षक भी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं से विचार विमर्श कर के उनका मन टटोलेंगे।
वसुंधरा राजे नहीं छोड़ रहीं कोई कसर
अब राजस्थान में क्या होगा इसके कयास भी लगने बदस्तूर जारी है। हालाँकि राजनीतिक विशेषज्ञ मान रहे हैं कि छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश में नए CM फेस से चौंकाने वाली BJP राजस्थान में भी किसी नए चेहरे को कमान दे सकती है। लेकिन वहीं कुछ लोगों का ये भी मानना है कि वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) भी अपनी तरफ से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहीं हैं।
राजस्थान के लिए BJPने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath singh), राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और राज्यसभा सांसद सरोज पांडे को पर्यवेक्षक बनाया है। जिनकी अब से कुछ देर में राजस्थान पहुँचने के आसार हैं। देखा जाए तो वसुंधरा राजे खुद को रेस में बनाए हैं। बीते 24 घंटे से वसुंधरा राजे के घर समर्थकों का तांता लगा हुआ है। कुछ विधायक सार्वजनिक रूप से तो कुछ छिपते-छिपाते वसुंधरा से मिल रहे हैं।
दुष्यंत सिंह पर विधायकों की बाड़ाबंदी का आरोप
हालांकि इससे पहले ही वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह और एक विधायक पर विधायकों की बाड़ाबंदी का भी संगीन आरोप लगा था, ये आरोप खुद BJP विधायक ललित मीणा के पिता हेमराज मीणा ने लगाया था। उनका आरोप था कि उनके बेटे और 5अन्य विधायकों को एक रिसॉर्ट में रखा गया हालांकि विधायक कंवर लाल मीणा ने इन आरोपों को गलत बताया था और कहा था कि विधायक अपनी मर्जी से उनसे मिलने गए थे।
इन सब उठापटक और समीकरणों के बीच अब भी राजस्थान में मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान होना बाकी है। अब यहां आज आगे क्या होगा, इसकी भनक फिलहाल किसी को भी नहीं लग रही है। लेकिन इतना जरुर है बीजेपी आलाकमान ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में जिस तरह अपने फैसले से सभी को चौंका दिया है। ऐसी ही कोई गुल राजस्थान में न खिल जाए, ये देखना रोचक होगा।