नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) पर भरोसा जताया है। भजन लाल शर्मा एक ब्राह्मण चेहरा (Brahmin Face CM Candidate In Rajasthan) हैं। ऐसा 33 साल के बाद होने जा रहा है कि राज्य में कोई ब्राह्मण चेहरा मुख्यमंत्री पद शपथ लेगा। आखिरी बार कांग्रेस के हरिदेव जोशी 1990 तक सीएम रहे थे। हालांकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी भी दौड़ में थे, लेकिन पार्टी ने भजनलाल पर भरोसा जताया। शर्मा पिछले 35 सालों से राजनीति में सक्रिय हैं।
पार्टी में दायित्व
शर्मा राजनीति शास्त्र से स्नातकोत्तर हैं। भजनलाल शर्मा 2009 में भरतपुर जिला बीजेपी के अध्यक्ष बने। 2014 में पहले बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। 2016 से अब तक महामंत्री पद का जिम्मेदारी संभाल रहे थे। भजनलाल से पहले कांग्रेस से हरिदेव जोशी 3 बार सीएम 1973 से 1977,फिर 1985 से 1988 तक और फिर 1989 से 1990 तक सीएम रहे।
छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय
भरतपुर जिले की नदबई तहसील के अटारी गांव के रहने वाले भजनलाल शर्मा कॉलेज के समय से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ गए थे। बाद में वह सक्रिय राजनीति में आए। चुनावी राजनीति में आरंभिक दौर में बहुत सफल राजनेता नहीं रहे। शुरुआती दौर में वह एक बार सरपंच का चुनाव हारे हैं।
BJP के खिलाफ लड़ चुके हैं चुनाव
भजनलाल शर्मा 2003 में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर सामाजिक न्याय मंच से नदबई से बीजेपी के ही खिलाफ चुनाव लड़ा लेकिन हार गए थे। उन्हें सिर्फ 5,969 वोट ही मिले थे। सीएम और डिप्टी सीएम मामले में बीजेपी नेतृत्व के फैसले वसुंधरा के भविष्य के लिए बेहतर संकेत नहीं हैं। भजन लाल शर्मा सांगानेर की उस सीट से विधायक चुने गए हैं जहां वसुंधरा के करीबी अशोक लाहोटी का टिकट काट दिया गया था।
ऐसे बनाया गया सीएम
नए सीएम के नाम की घोषणा से पहले राज्य में पार्टी विधायकों के बीच किसी भी असंतोष की स्थिति न पैदा हो इसके लिए में पार्टी ने पूरी सतर्कता बरती। पार्टी ने राज्य के 8 निर्दलीय विधायकों को जयपुर बुलाया। इन विधायकों को एक होटल में ठहराया गया। हालांकि, ये विधायक पार्टी की बैठक से दूर ही रखे गए। बता दें कि 200 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी ने 115 जबकि कांग्रेस ने 69 सीटें जीती हैं।