शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से बचाएंगी ये सात चीजें, हर संकट होगा दूर

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नई दिल्ली : न्याय के देवता शनि देव कर्मों के हिसाब से इंसान को फल देते हैं. कहते हैं कि एक बार शनि की टेढ़ी नजर किसी इंसान पर पड़ गई तो उसके जीवन में तबाही आना तय है. हालांकि शनि हमेशा लोगों से नाराज नहीं रहते हैं. एक बार शनि प्रसन्न हो जाएं तो इंसान का जीवन खुशियों से भर देते हैं. आइए आज आपको सात ऐसी चमत्कारी चीजों के बारे में बताते हैं, जिनके प्रयोग से आप शनि देव को प्रसन्न कर सकते हैं।

शनि की पीड़ा समाप्त करने के लिए लोहे का छल्ला धारण किया जाता है. यह छल्ला अगर घोड़े की नाल या नाव की कील से बना हो तो ज्यादा लाभकारी होता है. इस छल्ले को धारण करने के लिए जो अंगूठी बनाई जाती है. उसको आग में नहीं तपाया जाता है. शनिवार को इसको सरसों के तेल में थोड़ी देर रख दें. फिर जल से धोकर दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण करें. अगर आप को शनि के कारण शारीरिक पीड़ा है या दुर्घटनाओं के योग हैं तो इसको धारण करना बेहद शुभ होगा।

शनि के लिए सरसों के तेल का दान करना और प्रयोग करना काफी अनुकूल परिणाम देता है. अगर शनि के कारण आपको जीवन में सफलता नहीं मिल पा रही है तो सरसों के तेल का विशेष प्रयोग करें. शनिवार को प्रातः लोहे के पात्र में सरसों का तेल लें और उसमें एक रूपए का सिक्का डालें. तेल में अपना चेहरा देखकर किसी निर्धन व्यक्ति को दान कर दें या पीपल के नीचे रख आएं।

शनि अगर जीवन में आर्थिक समस्याएँ दे रहा हो और धन का अभाव होता जा रहा हो तो काली उरद की दाल या काले तिल का प्रयोग करें. शनिवार को सायं काल सवा किलो काली उरद की दाल या काला तिल किसी निर्धन व्यक्ति को दान करें. कम से कम पांच शनिवार ये दान करें. दान करने के साथ ही साथ आपकी आर्थिक समस्याएं समाप्त हो जाएंगी।

शनि के लिए जो तमाम दान किए जाते हैं उनमे खाना बनाने के लोहे के बर्तन विशेष महत्व रखते हैं. अगर कुंडली में दुर्घटनाओं के योग हों या बार बार दुर्घटनाएं या ऑपरेशन होने लगें तो खाना बनाने के लोहे के बर्तनों का दान करना चाहिए. शनिवार को शाम को किसी निर्धन व्यक्ति को तवा, कड़ाही या लोहे के बर्तन दान करने से दुर्घटना के योग टल जाते हैं।

घोड़े की नाल का शनि के लिए अत्यंत महत्व होता है, लेकिन ध्यान रक्खें कि उसी घोड़े की नाल का शनि के लिए प्रयोग करें जो घोड़े के पैर में पहले लगी चुकी हो. एकदम नई खरीदी गई या बिना इस्तेमाल की गई नाल कोई प्रभाव पैदा नहीं करेगी. शुक्रवार को घोड़े की नाल सरसों के तेल से धो लें. फिर शनिवार को शाम को घर के मुख्य द्वार पर लगा दें. ऐसा करने से घर के सभी लोगों पर शनि की कृपा रहेगी और घर में कलह क्लेश नहीं रहेगा।

अगर स्वास्थ्य की गंभीर समस्या हो और बीमारी नहीं जा रही हो तो पहनने की काली चीजें दान करनी चाहिए. शनिवार को शाम को किसी निर्धन व्यक्ति को काले कपडे और काले जूतों का दान करें. दान करने के बाद उस निर्धन व्यक्ति से आशीर्वाद लें, आपका स्वास्थ्य धीरे धीरे ठीक होने लगेगा।

पीपल के वृक्ष को शनि देव का प्रतीक माना जाता है. कभी भी पीपल के वृक्ष के पास गंदगी नहीं करनी चाहिए और न ही इस पेड़ को काटना चाहिए अन्यथा संतान बाधा उत्पन्न हो सकती है. अगर संतान होने में बाधा आ रही हो तो पीपल का वृक्ष लगवाना चाहिए. जो लोग हर शनिवार को पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाते हैं और वृक्ष की 21 बार परिक्रमा करते हैं, शनि की साढ़ेसाती और ढैया उन पर असर नहीं करती है।

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