Ghaziabad:स्कूल प्रबंधन की घोर लापरवाही,RTO से ब्लैक लिस्टेड बस का किया जा रहा था संचालन
गाजियाबाद के मोदीनगर इलाके में स्कूल बस में हुई मासूम बच्चे की मौत के मामले में जो गहन जांच की गई,उसमें बेहद चौंकाने वाला मामला निकला। क्योंकि बस के संचालन में बेहद लापरवाही बरती गई है। जांच रिपोर्ट में जो एआरटीओ प्रशासन ने एडीएम मोदीनगर को रिपोर्ट सौंपी।उसमें पता चला कि जिस बस में यह हादसा हुआ है और स्कूल के बच्चे लाए जा रहे थे। वह आरटीओ विभाग की तरफ से ब्लैक लिस्टेड बस है। उसके बावजूद भी स्कूल प्रबंधन की तरफ से इस बस का इस्तेमाल किया जा रहा था। यानी जिस तरह से विभाग ने बच्चों को स्कूल लाने ले जाने के लिए बसों के जो मानक तय किए हुए हैं। उन मानकों पर बस खरी नहीं नकली।
मोदीनगर हापुर रोड पर स्थित दयावती स्कूल की एक बस में बुधवार को सुबह उस वक्त दर्दनाक हादसा हुआ,जब स्कूल की बस बच्चों को लेकर स्कूल जा रही थी। इसी बस में सूरत सिटी में रहने वाला 11 वर्षीय अनुराग पुत्र नितिन भारद्वाज जोकि कक्षा चार का छात्र था,बैठा हुआ था। बताया जा रहा है कि स्कूल जाते वक्त अचानक अनुराग को उल्टी की शिकायत हुई। जिसके बाद अनुराग ने अपना मुंह खिड़की से बाहर निकाला तो इसी दौरान बस चालक ने लापरवाही से बस को तेजी से कट लगाया तो बस सड़क पर खड़े बिजली के खंभ में जा टकराई और अनुराग भारद्वाज का सर खंबे में जा लगा। जिसके बाद उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना की गूंज लखनऊ तक भी जा पहुंची और मुख्यमंत्री ने तत्काल प्रभाव से बच्चे की मौत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी। उधर पुलिस विभाग भी एक्शन मोड में आया और अनुराग के पिता के द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर स्कूल प्रबंधन और बस चालक के खिलाफ संगीन धाराओं में मामला दर्ज किया गया। साथ ही स्कूल के प्रिंसिपल और बस चालक को गिरफ्तार कर वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी।
वहीं संभागीय परिवहन विभाग की तरफ से भी गहन जांच की गई तो पता चला कि जिस बस में यह दर्दनाक हादसा हुआ है। यह बस आरटीओ विभाग की तरफ से पहले से ही ब्लैक लिस्टेड है। इसका परमिट भी एक्सपायर हो चुका था और बस कई मानकों पर खरी नहीं थी। उसके बाद भी स्कूल प्रबंधन इस बस का इस्तेमाल कर रहा था। इसकी रिपोर्ट भी एआरटीओ प्रशासन विश्वजीत प्रताप सिंह ने एडीएम मोदीनगर को सौंपी है।
स्कूल की इस बस में हुए हादसे के बाद से तमाम स्कूलों के बस संचालन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि कुछ अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन 40 सीटर स्कूल बस में 70 बच्चे भेजते हैं और यदि मना किया जाता है तो अतिरिक्त चार्ज वसूलने की धमकी भी दी जाती है। वहीं इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए सीओ मोदीनगर सुनील कुमार का कहना है कि बस टेक्निकल मुआयना के लिए भेजी गई है। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्कूलों में निरीक्षण कर खामियों को दूर कराने के लिए एक विशेष अभियान भी चलाया जाएगा।
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रिपोर्ट- मेघा गंगवार