लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हर जिले के उत्पाद का डाक टिकट भी जारी होना चाहिए। इसको लेकर प्रयास होने चाहिये क्योंकि यह हमें वैश्विक पहचान दिलाएगा। इतना ही नहीं हर जिले के उत्पाद की ग्रेडिंग भी होनी चाहिए ताकि अच्छे उत्पादन की जानकारी दी जा सके। उसे पैकेजिंग और टेक्नोलॉजी से जोड़कर विश्व फलक पर पहचान दिलाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोकभवन सभागार में आयोजित एमएसएमई के 51 हजार करोड़ मेगा ऋण वितरण समारोह में ये बातें कही।
मुख्यमंत्री योगी की प्लेज योजना के तहत मथुरा, अमरोहा, सीतापुर और मेरठ के प्लेज पार्कों के निर्माण की पहली किस्त वितरित की गई। साथ ही सहारनपुर, मुरादाबाद और संभल में ओडीओपी के तीन कॉमन फैसिलिटी सेंटर का लोकार्पण किया गया। इसके अलावा कौशाम्बी की सीएफसी टीम को स्वीकृति पत्र सौंपा गया। कार्यक्रम में सीएम योगी ने ओडीओपी और विश्वकर्मा श्रम सम्मान के एक दर्जन लाभार्थियों को चेक और टूल किट वितरित किया। वहीं मिशन शक्ति के तहत महिलाओं को ई रिक्शा की चाबी सौंपी।
इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ही ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना और प्लेज पार्क योजना देने वाला पहला राज्य है। इससे प्रदेश में एमएसएमई यूनिट में काफी बढ़ोत्तरी हुई है और आज प्रदेश में 96 लाख एमएसएमई यूनिट हैं।
उन्होंने बैंकर्स से कहा कि छोटी पूंजी वालों को भरपूर लोन दें क्योंकि छोटी पूंजी डूबती नहीं है। इससे जहां उनका बिजनेस बढ़ेगा, वहीं छोटी पूंजी वालों में बैंकर्स के प्रति विश्वास बढ़ेगा। इससे प्रदेश खुशहाली की ओर जाएगा। बैंकर्स और सरकार की दूरदर्शी सोच का ही नतीजा है कि प्रदेश का पहले जहां सीडीओ रेश्यो 43 से 44 प्रतिशत था, आज बढ़कर 56 से 57 फ़ीसदी तक पहुंच चुका है। वहीं इसे इस वित्तीय वर्ष में 60 फीसदी और अगले वित्तीय वर्ष में 65 फीसदी तक ले जाने का हमारा लक्ष्य होना चाहिये।
आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहतर हुई है। ऐसे में प्रदेश का हर व्यक्ति, बहन-बेटी, व्यापारी और निवेशक खुद को सुरक्षित महसूस कर रहा है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश देश में निवेश के सबसे अच्छे गंतव्य के रूप में उभकर सामने आया है। जीआईएस-23 में प्रदेश को 40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे एक करोड़ 10 लाख से अधिक नौजवानों को सीधे-सीधे नौकरी मिलेगी। अब उन्हे रोजगार के लिए पलायन नहीं करना होगा। एमएसएमई ने उत्तर प्रदेश को एक नई पहचान दी है। सरकार की वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडेक्ट योजना ने परंपरागत उद्यमियों को नई दिशा दी है, जो पहले हताश और निराश होकर पलायन करने को मजबूर हुआ करते थे क्योंकि उनकी पहले कोई सुनवाई नहीं होती थी। वहीं आज वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट ने प्रदेश को पहचान देने के साथ सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम से जुड़े उद्यमियों को नई दिशा दी है। इससे उनके चेहरे पर मुस्कान आई है।