नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसके लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। लेकिन इस बात को लेकर असमंजस में है कि वो तेलुगु देशम पार्टी से हाथ मिलाया जाए या नहीं, जिसने आगामी चुनाव के लिए पॉपुलर एक्टर पवन कल्याण की जन सेना पार्टी के साथ गठबंधन किया है।
गुरुवार को विजयवाड़ा में राष्ट्रीय सचिव (संगठन) शिव प्रकाश की अध्यक्षता में भाजपा की केंद्रीय कोर समिति की राज्य भाजपा नेताओं के साथ बुलाई गई। बैठक में चुनाव में पार्टी की रणनीति पर मिली-जुली राय थी कि क्या अकेले जाना चाहिए या टीडीपी-जनसेना गठबंधन में शामिल होना चाहिए।
बता दें कि भाजपा पहले से ही जन सेना पार्टी के साथ गठबंधन में है, जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा है। लेकिन वह टीडीपी के साथ गठबंधन बहाल करने की इच्छुक नहीं है, जो मार्च 2018 में ही पार्टी से अलग हो गई थी और नरेंद्र मोदी सरकार के दौरान आंध्रा के साथ हुए अन्याय के बहाने एनडीए से बाहर आ गई थी।
इस साल सितंबर में पवन कल्याण ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी टीडीपी के साथ गठबंधन करेगी और दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने बीजेपी से अपील की कि वह सत्ता विरोधी वोटों के बंटवारे को रोकने के लिए गठबंधन में शामिल होने का फैसला लें।
क्योंकि चुनावों का समय समाप्त हो रहा है, जो केवल दो महीने दूर हैं। टीडीपी और जन सेना दोनों ने सीट-बंटवारे की बातचीत शुरू कर दी है, जिससे राज्य के भाजपा नेताओं को गठबंधन में शामिल होने या न होने पर निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
गुरुवार को जन सेना राजनीतिक मामलों की समिति के अध्यक्ष नादेंडला मनोहर ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दग्गुबाती पुरंदेश्वरी से मुलाकात की और गठबंधन पर भाजपा से शीघ्र निर्णय लेने की मांग की। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) शिव प्रकाश से भी मुलाकात की, जिन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए भाजपा कोर कमेटी की बैठक बुलाई।
पुरंदेश्वरी ने इस पूरे घटनाक्रम पर कहा, “नादेंडला ने उनके साथ गठबंधन के मुद्दे पर भी चर्चा की और गठबंधन पर फैसला लेना भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का काम है।” घटनाक्रम से जुड़े एक पार्टी नेता ने कहा कि शिव प्रकाश और अन्य कोर कमेटी के सदस्यों ने टीडीपी-जनसेना गठबंधन में शामिल होने पर राज्य के पार्टी नेताओं की राय ली।