अयोध्या : रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में मुख्य भूमिका निभा रही काशी ने अब देशभर से अयोध्या आने वाले हजारों भक्तों के खान-पान की जिम्मेदारी भी उठा ली है। काशी के स्वामी नारायण मंदिर के महंत स्वामी प्रेम स्वरूप दास की अगुआई में प्राण प्रतिष्ठा से लेकर 90 दिनों तक अयोध्या में बनारसी लंगर चलेगा। प्रतिदिन हजारों भक्तों को शुद्ध देशी घी में बनी कचौड़ी-जलेबी के साथ पराठा-दही, दाल-चावल, बुंदिया-गुलाब जामुन या मालपुआ के साथ इडली-सांभर, डोसा भी खाने को मिलेगा। यह लंगर गुजरात के वड़ताल के स्वामी नारायण संप्रदाय महासभा के अध्यक्ष स्वामी नौत्तम प्रकाश दास के दिशा-निर्देशन में लगाया जा रहा है।
काशी की प्रेरणा से तैयार एक विशालकाय नगाड़ा रामलला को समर्पित करने की तैयारी है। इस नगाड़े का निर्माण काशी में बसे गुजरात के दबगर समाज के लोगों ने करवाया है। ऑल इंडिया दबगर समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद छतरीवाला ने बताया कि गुजरात के भरुच में एक इंच मोटी लोहे की चादर से नगाड़े का ढांचा तैयार किया गया है। उस पर तांबे की परत और सोने-चांदी का पानी चढ़ाकर नक्काशी की गई है। नगाड़े की ऊंचाई और व्यास 56-56 इंच है। इसका वजन 450 किलोग्राम है। रविवार को इस नगाड़े को अहमदाबाद से रथ पर रखकर अयोध्या भेजा गया है। मंगलवार तक यह अयोध्या पहुंच जाएगा।
काशी-अयोध्या के बीच अगले माह से हेलिकॉप्टर सेवा शुरू हो जाएगी। पर्यटन विभाग के उप निदेशक आर.के. रावत ने बताया कि राजस एयरोस्पोर्ट ऐंड एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी काशी से अयोध्या के लिए हेलिकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराएगी। यह कंपनी काशी-अयोध्या के अलावा प्रयागराज, मथुरा और गोरखपुर को हेलिकॉप्टर सेवा से जोड़ेगी। इसकी कागजी प्रकिया अंतिम चरण में है। नमो घाट पर बने हेलिपैड से पर्यटकों अयोध्या, प्रयागराज की हवाई यात्रा कर सकेंगे।