हनुमानगढ़ : मकर संक्रान्ति या अन्य पर्वों पर जिले में पतंगबाजी हेतु धातुओं के मिश्रण से निर्मित मांझा तथा चाईनीज मांझा प्रयुक्त किया जाता है। यह मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण के प्रयोग से तैयार किया जाता है, जो पतंग के पेंच लड़ाने में अधिक कारगर होता है। इस कारण से इसका प्रयोग अधिक किया जाता है।
यह मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण से निर्मित होने से धारदार तथा विद्युत का सुचालक होता है, जिसके उपयोग से दोपहिया वाहन चालकों तथा पक्षियों को अत्यधिक नुकसान होना संभावित है। साथ ही विद्युत का सुचालक होने के कारण विद्युत तारों के संपर्क में आने पर विद्युत प्रवाह होने से पतंग उड़ाने वाले को भी नुकसान पहुंचना एवं विद्युत सप्लाई में बाधा उत्पन्न होना संभावित है। इस समस्या व खतरे के निवारण हेतु आवश्यक है कि “धातु निर्मित मांझा” तथा चाइनीज मांझा के उपयोग एवं विक्रय पर निषेद्य किया जाए।
जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट काना राम ने धारा 144 दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लोक स्वास्थ्य व विद्युत संचालन बाधा रहित बनाएं रखने एवं पक्षियों के लिए बड़े पैमाने पर खतरा बन चुके धातु निर्मित मांझा तथा चाइनीज मांझे की थोक, खुदरा बिक्री तथा उपयोग पर जिले की क्षेत्राधिकारिता में निषेध और प्रतिबंधित करने के आदेश दिए है।
उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति यदि इस प्रकार के मांझों का भण्डारण, विक्रय या परिवहन करेगा तो उसके विरूद्ध यथा उचित सम्यक् कानून के तहत कार्यवाही की जायेगी। पक्षियों को नुकसान से बचाने के लिए पतंगबाजी प्रातः 6 से 8 बजे व सांय 5 से 7 बजे की अवधि में पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगी।
इस आदेश की अवमानना भा.द.स. की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा तथा अवहेलना करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध नियमानुसार अभियोग चलाया जाएगा। यह आदेश 10 जनवरी, 2024 की मध्य रात्रि से लागू होकर 31 जनवरी, 2024 की मध्य रात्रि तक प्रभावी रहेगा।