मालदीव में होते हैं सबसे ज्यादा तलाक, गिनीज बुक में भी आ चुका है नाम

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माले : यूनाइटेड नेशन्स के मुताबिक मालदीव में 30 साल की होने के पहले ज्यादातर महिलाएं तलाक से गुजर चुकी होती हैं. इसी डेटा की वजह से ये द्वीप समूह गिनीज बुक में भी शामिल हो गया. वैसे हनीमूनर्स की जन्नत कहलाते मालदीव में ऐसा आज से नहीं, कई दशकों से चला आ रहा है. साल 2000 में यहां लगभग 4 हजार शादियों पर 2 हजार डिवोर्स हुए थे.

मोरक्को में जन्मे घुमक्कड़ इब्न-बतूता दुनिया की सैर करते हुए साल 1343 में मालदीव भी पहुंचे. वहां घूमते हुए उन्होंने एक यात्रा संस्मरण लिखा, जिसे नाम दिया- रिह्ला. इसमें कई दूसरे देशों के साथ मालदीव का भी जिक्र था. इसी में इस मोरक्कन यात्री ने लिखा कि कुछ महीने द्वीप पर बिताने के दौरान उसने 6 बार शादियां कीं और तलाक दिए.

वे लिखते हैं कि ऐसे द्वीपों पर शादियां करना आसान है. द्वीप छोटे होते हैं और मेल-मुलाकात होती रहती है. यहां की औरतें काफी आकर्षक हैं. और सबसे अजीब बात है कि यहां के मछुआरे महीनों के लिए समुद्र यात्रा पर निकल जाते हैं. कई बार वे दूसरे द्वीप पर सैटल हो जाते हैं. ऐसे में जाने से पहले वे बीवी को तलाक दे देते हैं ताकि वो भी अपनी जिंदगी जिए. ये एक तरह की टेंपररी व्यवस्था है. लोग शादी करते हैं और यात्रा पर जाते हुए शादी तोड़ देते हैं.

ये तो हुई 14वीं सदी की बात, लेकिन मालदीव में आज भी हालात वही हैं. इस छोटे से द्वीप देश में तलाक की दर सबसे ज्यादा है. गिनीज 2022 का ही डेटा लें तो मालदीव में हर 1000 शादियों पर 10.97 तलाक होते हैं. दूसरे नंबर पर बेलारूस हैं, जहां तलाक की दर मालदीव से आधी से भी कम 4.63 है. इसके बाद प्रति हजार पर 4.34 तलाक के साथ अमेरिका है. सेंसस डेटा ये भी कहता है कि 1977 में 30 की उम्र की ज्यादातर महिलाएं 3 बार तलाक से गुजर चुकी थीं.

मालदीव द्वीपसमूह एक लोकप्रिय हनीमून और पर्यटन स्थल है, और कई शादीशुदा जोड़े यहां अपनी हनीमून या रोमांटिक छुट्टी बिताने आते हैं। हालांकि, सोशल और कल्चरल दायरे के अलावा, एक विशेष स्थान पर होने के कारण, यह गलत होता है कि मालदीव में तलाक की दर अधिक होती है। तलाक की दर कई तत्वों पर प्रभावित हो सकती है, जिसमें शामिल हो सकते हैं:

हनीमून फेज: मालदीव एक आकर्षक हनीमून स्थल होने के कारण, कई जोड़े यहां अपनी शादी के बाद अपनी पहली रोमांटिक छुट्टी बिताने आते हैं। यह फेज जीवन के अद्वितीय और संयमित समय की एक अवधि होती है, जब दोनों पति-पत्नी एक दूसरे के साथ अधिक वक्त बिताते हैं और संबंध बनाते हैं। इस फेज में शादीशुदा जोड़ों के बीच सामरिकता, प्रेम, और समझौता शक्ति आदि पर जोर होता है। यह इस तत्व को प्रभावित कर सकता है और तलाक की दर को बढ़ा सकता है।

विपत्ति का प्रबंधन: अनुपूरक के रूप में, कुछ जोड़े मालदीव के आदर्श समय पर अपने विवाहित जीवन में संकट के साथ सामरिकता और सामरिक मुद्दों का सामना करते हैं। विभिन्न कारणों से, जैसे कि विशेष तनाव, आर्थिक समस्याएं, परिवार की जटिलताएं, या संचार की कमी, शादीशुदा जोड़ों के बीच तनाव और विरोध बढ़ सकते हैं, जो अंततः तलाक की ओर ले जाते हैं।

सामाजिक दबाव: कई जोड़े समाज के दबाव के चलते विवाहित जीवन में दुख और तनाव का सामना करते हैं। उच्च सामाजिक प्रतिष्ठा, आदर्शों और परंपराओं के अनुपालन, परिवार की उम्मीदों का संतुलन रखना, और परिवार के सदस्यों द्वारा चयनित किए गए जीवनसाथी पर दबाव का होना, इन सभी कारकों से शादीशुदा जोड़ों के बीच असंतोष या संघर्ष का कारण बन सकते हैं। यह अवस्था तलाक की ओर ले जाने के लिए मार्ग प्रदर्शन कर सकती है।

महत्वपूर्ण है कि यह सामान्य कारण हैं और हर जोड़े के लिए सटीक नहीं हो सकते हैं। शादीशुदा जोड़े के बीच तलाक की दर कम करने के लिए, संयमित संवाद, संघर्ष प्रबंधन कौशल, और उच्च समझौता कौशल जैसे संबंधीय कौशलों का विकास महत्वपूर्ण हो सकता है। साथ ही, समर्पितता, समय का प्रबंधन, और सहयोग भी एक स्थिर और स्थायी रिश्ते के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

इसकी वजह की पड़ताल की गई और सोशल साइंटिस्ट्स ने पाया कि एक नहीं, तलाक की दर के पीछे कई कारण हैं. मालदीव नेशनल जर्नल ऑफ रिसर्च में इसपर एक रिसर्च भी छपी. जुलाई 2022 में आए शोध में माना गया कि पेरेंट्स के तलाक का असर आने वाली पीढ़ियों पर दिख रहा है. साल 2000 में इस देश में 3,829 शादियों पर 1,928 तलाक हुए.

गेल डिजिटल स्कॉलर लैब में छपे क्रॉनिकल ‘वर्ल्डमार्क एनसाइक्लोपीडिया ऑफ रिलीजियस प्रैक्टिसेज’ में लेखक आइजैक हैनरी विक्टर ने कहा कि बाकी इस्लाम-बहुल देशों की तुलना में मालदीव में तलाक की दर ज्यादा है क्योंकि यहां के लोग समुद्री यात्रा ज्यादा करते हैं.

इब्न बतूता की तरह ही इसमें भी वही कारण दिया गया. यात्रा पर जाते हुए लोग नहीं जानते कि वे कब लौटेंगे. या लौटने पर उसी साथी के साथ रह सकेंगे. ऐसे में डिवोर्स दिए जाने लगे. यही वजह है कि साठ-सत्तर के दशक में जब बाकी दुनिया तलाक को हौवा मानती थी, ये द्वीप इसमें आगे निकल चुका था.

तलाक की ऊंची दर के चलते गिनीज बुक तक में शामिल हो चुके मालदीव पर हालांकि ऐसी कोई स्पेसिफिक स्टडी नहीं मिलती, जो बता सके कि इस खास वजह से यहां तलाक होते हैं. ज्यादातर जगहों पर जिक्र है कि चूंकि यहां पर इस्लामिक सिद्धांत और शरिया कानून लागू है तो पुरुषों के लिए तलाक देना उतना मुश्किल नहीं.

भारत या दूसरे देशों की इसपर वहां के लोग भारी-भरकम खर्च नहीं करते, बल्कि पति अपनी पत्नी को एक छोटी-सी रकम देने का वादा करता है. इसके बाद चाय पार्टी होती है, जिसमें करीबी लोग ही शामिल होते हैं. स्थानीय लोग ही ऐसी पॉकेट-फ्रैंडली शादियां करते हैं. ये अलग बात है कि मालदीव में ट्रैवल कंपनियां भारी पैकेज के साथ शादियां करवाती हैं.

इजीप्टियन कैबिनेट के इंफॉर्मेशन एंड डिसीजन सपोर्ट सेंटर ने कुवैत, इजीप्ट, कतर के अलावा कई इस्लामिक देशों पर हुए सर्वे में हैरान करने वाला ट्रेंड देखा. इसके मुताबिक कुवैत में लगभग 48% शादियां तलाक पर खत्म होती हैं. इजीप्ट में ये आंकड़ा 40% है तो कतर और जॉर्डन में लगभग 37%. यूएई और लेबनान भी इस लिस्ट में हैं. सपोर्ट सेंटर ने माना कि पहले पुरुष ही तलाक के लिए आगे आया करते, लेकिन अब महिलाएं भी तलाक की मांग करने लगी हैं. यही नंबर, बढ़ते डिवोर्स रेट में रिफ्लेक्ट हो रहा है.

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