नई दिल्ली : एनर्जी सेक्टर के बड़े प्रोजेक्ट के लिए सरकार से इंसेंटिव पाने की रेस में मुकेश अंबानी की रिलायंस ने गौतम अडानी की कंपनी को पछाड़ दिया है। दरअसल, अंबानी के रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी रिलायंस इलेक्ट्रोलाइजर मैन्युफैक्चरिंग ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन में इलेक्ट्रोलाइजर के मैन्युफैक्चरिंग की तैयारी में है। इसके लिए रिलायंस इलेक्ट्रोलाइजर मैन्युफैक्चरिंग को केंद्र सरकार से इंसेंटिव भी मिलेगा। रिलायंस के अलावा जिंदल इंडिया और जॉन कॉकरिल ग्रीनको हाइड्रोजन सॉल्यूशंस सहित 5 कंपनियों ने इंसेंटिव के लिए सफल बोली लगाई है। बता दें कि सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) ने 1,500 मेगावाट मैन्युफैक्चर कैपिसिटी की इलेक्ट्रालाइजर बनाने का कारखाना लगाने को यह बोली पिछले साल सात जुलाई को आमंत्रित की थी।
सेकी के मुताबिक रिलायंस इलेक्ट्रोलाइजर मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड को इलेक्ट्रोलाइजर के लिए 300 मेगावाट कैपिसिटी को लेकर 444 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन मिला है। इसी तरह, जॉन कॉकरिल ग्रीनको हाइड्रोजन सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और जिंदल इंडिया लिमिटेड को भी इलेक्ट्रोलाइजर की 300 मेगावाट के लिए 444-444 करोड़ रुपये का इंसेंटिव मिला है। इसके अलावा, ओमियम ऑपरेशंस प्राइवेट लि. को 137 मेगावाट के लिए 202.76 करोड़ रुपये जबकि अद्वैत इन्फ्राटेक लिमिटेड (राजेश पावर सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर) को 100 मेगावाट के लिए 148 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन मिलने वाला है। इसी तरह, एलएंडटी इलेक्ट्रोलाइजर्स लिमिटेड को 63 मेगावाट के लिए 93.24 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन मिला है। कहने का मतलब है कि छह कंपनियों को कुल मिलाकर ‘बकेट-1: (टेक्नोलॉजी) इलेक्ट्रोलाइजर मैन्युफैक्चरिंग के तहत 1,200 मेगावाट के लिए कुल 1,776 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन मिला है।
बता दें कि कुल 14 कंपनियों की बोलियां इंसेंटिव के लिए पात्र पायी गयी हैं। जिन आठ कंपनियों को इस योजना के तहत कोई कैपिसिटी आवंटित नहीं की गई है, उनमें से एक अडानी समूह की कंपनी अडानी न्यू इंडस्ट्रीज भी है। इसके अलावा जेनसोल इंजीनियरिंग के साथ मिलकर मैट्रिक्स गैस और रिन्यूएबल्स, एचएचपी सेवेन, एसीएमई क्लीनटेक सॉल्यूशंस, वारी एनर्जीज अवाडा इलेक्ट्रोलाइजर, ग्रीन एच2 नेटवर्क इंडिया और हिल्ड इलेक्ट्रिक को भी इंसेंटिव नहीं मिला है।
हालांकि, बकेट-2 में स्वदेशी रूप से विकसित टेक्नोलॉजी पर आधारित इलेक्ट्रोलाइजर मैन्युफैक्चरिंग कैपिसिटी के तहत होमीहाइड्रोजन और अडानी न्यू इंडस्ट्रीज सफल बोलीदाताओं के रूप में उभरी हैं। होमीहाइड्रोजन को 101.5 मेगावाट इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण क्षमता स्थापित करने के लिए 150.22 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा। जबकि अडानी न्यू इंडस्ट्रीज को 198.5 मेगावाट के लिए 293.78 करोड़ रुपये मिलेंगे। बकेट-2 के तहत सात कंपनियां थीं। योजना के तहत पांच इकाइयों को प्रोत्साहन नहीं दिये गए।