जानिए गणतंत्र दिवस होने का मतलब, क्‍यों खास है 26 जनवरी का दिन

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नई दिल्ली : भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। साल 1947 में देश को ब्रिटिश राज से आजादी मिली, लेकिन उसका अपना संविधान नहीं था। 26 जनवरी 1950 को भारत को अपना संविधान मिला. इस दिन भारतीय संविधान लागू हुआ और इसके साथ ही भारत एक संप्रभु राज्य बन गया, जिसे गणतंत्र घोषित किया गया। इसलिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे पहली बार 26 जनवरी, सन 1950 को मनाया गया था। इसके बाद से यह पर्व हर साल मनाया जाता है। देशभर में गणतंत्र दिवस उत्साह, उमंग और हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। इस मौके पर देश की राजधानी दिल्ली स्थित इंडिया गेट पर परेड आयोजित की जाती है।

गणतंत्र का अर्थ है, जनता के लिए जनता द्वारा शासन। 26 जनवरी 1950 को हमारा देश गणतांत्रिक देश के रूप में सामने आया। इसी दिन भारत का संविधान भी लागू किया गया। साल 1929 को राष्ट्र को स्वतंत्र बनाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन पं. जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ था। इसमें यह घोषणा हुई थी कि अगर 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेज सरकार भारत को उपनिवेश का पद नहीं प्रदान करेगी तो भारत अपने को पूर्ण स्वतंत्र कर देगा और ऐसा ही हुआ अंग्रेज सरकार ने जब कुछ नहीं किया तब कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की।

क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस: साल 1950 में 26 जनवरी के दिन ही हमारे देश में संविधान लागू हुआ था, जिसके उपलक्ष्य में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। एक स्वतंत्र गणराज्य बनने के लिए भारतीय संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को संविधान अपनाया गया था, लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान को दो साल, 11 महीने और 18 दिनों में तैयार कर राष्ट्र को समर्पित किया था। हमारा संविधान विश्‍व का सबसे बड़ा संविधान माना जाता है। इसे बनाने वाली संविधान सभा के अध्यक्ष भीमराव अंबेडकर थे। वहीं जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे।

राष्ट्रपति क्यों फहराते हैं झंडाः राष्ट्रपति देश के संवैधानिक प्रमुख हैं और प्रधानमंत्री राजनीतिक। भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। जिस उपलक्ष्य में इस दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इसी दिन देश को अपने पहले राष्ट्रपति भी मिले थे। डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने इसी दिन राष्ट्रपति के रूप में कार्यालय संभाला था। इसलिए 26 जनवरी को राष्ट्रपति ध्वज फहराते हैं।

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