नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद माता-पिता, धर्मपत्नी और बच्चों के साथ रामलला का दर्शन करने अयोध्या जाउंगा। केजरीवाल ने बुधवार को तीर्थयात्रियों की 87वीं ट्रेन द्वारकाधीश के लिए रवाना होने से पहले बुजुर्गों से मुलाक़ात की। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद हम प्रयास करेंगे कि अयोध्या के लिए ज्यादा से ज्यादा ट्रेनें भेज सकें। लोगों में अयोध्या जाकर रामलला का दर्शन करने को लेकर बहुत उत्साह है। यह 87वीं ट्रेन द्वारकाधीश जा रही है। इससे पहले 86 ट्रेनों से करीब 82 हजार लोग विभिन्न तीर्थस्थलों की यात्रा कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से एक पत्र आया था। उसके बाद हमने उनको फोन किया तो उन्होंने बताया कि उनकी टीम व्यक्तिगत तौर पर निमंत्रण देने के लिए आएगी, लेकिन अभी तक उनकी टीम नहीं आई है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि अयोध्या में बहुत ज्यादा वीआईपी और वीवीआईपी आएंगे इसलिए सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए इस समय एक ही व्यक्ति के आने की अनुमति है। प्राण प्रतिष्ठा का व्यक्तिगत निमंत्रण नहीं मिलने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। मेरे माता-पिता की रामलला का दर्शन करने की बहुत इच्छा है। मैं अयोध्या सपरिवार जाना चाहता हूं। अभी एक व्यक्ति को ही अयोध्या जाने की इजाजत है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद मैं अपने माता-पिता, धर्मपत्नी और बच्चों के साथ रामलला का दर्शन करने अयोध्या जाउंगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग हर हफ्ते दिल्ली से किसी न किसी तीर्थस्थल पर लगभग एक हजार तीर्थयात्रियों को लेकर ट्रेन जाती है। रामेश्वरम्, पुरी, शिरडी, द्वारकाधीश समेत 12-13 तीर्थ स्थलों के लिए ट्रेन रवाना की जाती है। द्वारकाधीश की यह यात्रा सात दिन की होगी। इस अवसर पर मौजूद राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि सभी बुजुर्ग उम्र के आखरी पड़ाव में तीर्थयात्रा करना चाहते हैं, लेकिन कई बार आर्थिक स्थिति इसके आड़े आ जाती है लेकिन दिल्ली में ऐसा नहीं है। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के हर बुजुर्ग को अपना माता-पिता माना है और बेटे की भूमिका निभाते हुए सभी बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करवा रहे हैं।