नई दिल्ली : कश्मीर घाटी में कमजोर बर्फबारी पहले ही चिंता का विषय बनी हुई है। खबर है कि इसका असर भारतीय सेना की रणनीति पर भी पड़ा और जवान अलर्ट मोड पर हैं। हालांकि, इसे लेकर सेना की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। कहा जा रहा है कि घुसपैठ को लेकर रोकने के लिए सेना बड़े स्तर पर जवानों की तैनाती कर रही है। आमतौर पर बर्फबारी के बीच घुसपैठ की घटनाओं में कमी आ जाती है।
रिपोर्ट के अनुसार, बर्फबारी के बीच गतिविधियां मुश्किल होती हैं और यही वजह है कि LoC या नियंत्रण रेखा पार से घुसपैठ कम हो जाती है। सेना आमतौर पर आतंकवाद विरोध अभियानों में सैनिकों को सर्दियों की रणनीति के तहत तैनात कर देती थी। एक अधिकारी के हवाले से लिखा गया, ‘हालांकि, इस साल ऐसा नहीं हुआ और घुसपैठ विरोधी कार्रवाई गर्मियों की तरह ही बनी हुई है।’
रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने कहा कि भारी बर्फबारी की कमी के कारण सर्दियों में भी घुसपैठ के सभी रास्ते खुल गए हैं और घुसपैठ जारी है। उन्होंने बताया कि खुफिया जानकारी भी है कि LoC के पास बड़ी संख्या में आतंकवादी सक्रिय हैं।
कहा जाता है कि सर्दियों के दौरान आतंकवादी भी ऊंचाई पर अपने ठिकानों से निकलकर बस्तियों का रुख करते हैं। अब इसके चलते खुफिया ऑपरेशन और आतंकवादियों को घेरे जाने की संभावनाएं बढ़ जाती है। एक अधिकारी के हवाले से बताया गया, ‘साथ ही बर्फबारी आतंकवादियों को सामान ले जाने में भी मुश्किल पैदा करती है और वह आबादी पर ज्यादा निर्भर हो जाते हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘किसी भी गतिविधि के लिए वे सड़कों के सहारे रहते हैं। ऐसे में मोबाइल चेक पोस्ट पर उनके टकराने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं।’ साल 2023 में जम्मू और कश्मीर में कुल 71 आतंकवादियों को ढेर किया गया था। इनमें 52 को सुरक्षाबलों ने घाटी में मार गिराया था।