नई दिल्ली: सनातन धर्म में पूजा समाप्ति के बाद हर घर में शंख बजाया जाता है। हमारे प्राचीन ग्रंथों में शंख को विशेष महत्व दिया गया है। शायद ही कोई ऐसा घर हो जहां शंख न पाया जाता हो। शंख के बिना पूजा नहीं होती। शंख माता लक्ष्मा और भगवान विष्णु दोनों को प्रिय है। ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में शंख बजाया जाता है उस घर के आसपास नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती। शंख रखने से न सिर्फ घर में सकारात्मक ऊर्जा दूर होती है बल्कि नकारात्मक ऊर्जा भी दूर हो जाती है। अगर आपके घर में दो शंख हैं तो सवाल यह है कि क्या आप दो शंख एक साथ रख सकते हैं। तो आइए जानते हैं।
घर में शंख रखने के नियम
शास्त्रों में शंख रखने के कई नियम बताए गए हैं। बहुत से लोग ऐसे हैं जो इसे रखने के नियम नहीं जानते हैं। शंख रखने का असर हमारे जीवन पर भी पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार यदि आप पूजा के दौरान शंख रखना चाहते हैं तो केवल एक ही शंख रख सकते हैं।
देवी लक्ष्मी का प्रतीक
शंख को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। पूजा में दो शंख नहीं रखने चाहिए, इससे देवी लक्ष्मी किसी एक स्थान पर स्थिर नहीं रहती हैं। ऐसे में आप एक शंख फूंकने के लिए और एक पूजा के लिए रख सकते हैं। मतलब आप घर में दो शंख रख सकते हैं लेकिन ध्यान रखें कि केवल एक ही शंख बजाया जा सकता है। जिस शंख की पूजा की जाती है उसे बजाने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि पूजा के दौरान कभी भी शंख नहीं बजाना चाहिए। बिना मुंह के शंख नहीं बजाया जाता इसलिए अगर आप पूजा के लिए शंख रखकर बजाते हैं तो यह अशुद्ध माना जाता है। इसलिए ध्यान रखें कि पूजा में रखा शंख कभी न बजाएं।