नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि सरकार परिवहन के लिए संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) और घरेलू उद्देश्यों के लिए पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) में संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी) के चरणबद्ध मिश्रण को अनिवार्य करेगी। लोकसभा में अंतरिम बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा, ये कदम 2070 तक ‘नेट-जीरो’ के लिए हमारी प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि एक गीगा-वाट की प्रारंभिक क्षमता के लिए अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता के दोहन के लिए व्यवहार्यता अंतर निधि प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा, 2030 तक 100 मीट्रिक टन कोयला गैसीकरण और द्रवीकरण क्षमता स्थापित की जाएगी। इससे प्राकृतिक गैस, मेथनॉल और अमोनिया के आयात को कम करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि संग्रहण में सहायता के लिए बायोमास एकत्रीकरण मशीनरी की खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। “सरकार विनिर्माण और चार्जिंग बुनियादी ढांचे का समर्थन करके ई-वाहन पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार और मजबूत करेगी। भुगतान सुरक्षा तंत्र के माध्यम से सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क के लिए ई-बसों को अधिक से अधिक अपनाने को प्रोत्साहित किया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि हरित विकास को बढ़ावा देने के लिए बायो-मैन्युफैक्चरिंग और बायो-फाउंड्री की एक नई योजना भी शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा, “यह बायोडिग्रेडेबल पॉलिमर, बायो-प्लास्टिक, बायो-फार्मास्यूटिकल्स और बायो-एग्री-इनपुट जैसे पर्यावरण-अनुकूल विकल्प प्रदान करेगा।” उन्होंने कहा कि यह योजना आज के उपभोगात्मक विनिर्माण प्रतिमान को पुनर्योजी सिद्धांतों पर आधारित प्रतिमान में बदलने में भी मदद करेगी।