लखनऊ: लखनऊ में एलडीए की आईटी सिटी योजना पर चल रही खींचतान पर विराम लग गया है। अब यह योजना एलडीए विकसित करेगा। इसके सामाजिक समाघात के सर्वे के लिए संस्था चयन को उच्च स्तरीय समिति बना दी गई है। जल्दी ही संस्था चुनकर मुआवजा समेत अन्य चीजों की दरें तय हो जाएंगी। अंसल एपीआई बिल्डर की रिवाइज डीपीआर के बाद उसकी काफी जमीनें छूट गई थी। शासन ने उसका जमीन लाइसेंस घटा दिया था।
अंसल की छोड़ी गई जमीन और नई आउटर रिंग रोड के दोनों किनारों के 500-500 मीटर दूरी तक की जमीन एलडीए ले रहा है। इस जमीन पर एलडीए ने अपनी आईटी सिटी योजना प्रस्तावित की है। इसके लिए उसने 1232 एकड़ जमीन प्रस्तावित की है। शासन ने इसके सामाजिक समाघात (सोशल इम्पैक्ट) के आंकलन की मंजूरी दे दी है। इसके साथ सर्वे के लिए संस्था के चयन को कमेटी बना दी गई है। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने आदेश जारी कर दिया।
पांच सदस्यीय कमेटी चुनेगी संस्था अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है। अध्यक्ष विशेष सचिव आवास उदयभानु त्रिपाठी हैं। अपर मुख्य सचिव राजस्व से नामित विशेष सचिव, आवास विकास वित्त नियंत्रक, आवास विभाग के अनुसचिव, एडीएम भूमि अध्याप्ति सदस्य बनाए गए हैं। योजना की जमीन पर एलडीए-आवास विकास में विवाद था। एलडीए ने दो वर्ष पहले प्लान, डीपीआर बनवा लिया था। आवास विकास ने तीन माह पहले ही प्रस्ताव बनाया। आवास विकास उन्हीं गावों की जमीन लेने जा रहा था, जिसका प्रस्ताव एलडीए बना चुका है। उपाध्यक्ष ने शासन स्तर पर बात रखी। इसके बाद शासन ने एलडीए की प्रस्तावित आईटी सिटी योजना को हरी झण्डी दी है।