नई दिल्ली : मौनी अमावस्या माघ मास की अमावस्या को कहते हैं। इस दिन गंगा स्नान करने और दान पुण्य करने का विशेष महत्व होता है। मौनी अमावस्या को लेकर ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गंगा में आस्था की डुबकी लगाने से जन्मों के पाप धुल जाते हैं। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर ईश्वर की भक्ति में मन लगाते हैंर्। इसलिए इसे मौनी अमावस्या कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन जप और तप करने वाले व्यक्ति को शनि के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है और मन को शांति मिलती है। इस साल मौनी अमावस्या कब है, इसको लेकर लोगों के बीच में कन्फ्यूजन बना हुआ है। कुछ लोगों का कहना है कि मौनी अमावस्या 9 फरवरी को है तो कुछ का मत है कि मौनी अमावस्या 10 फरवरी को है।
हिंदू पंचांग के अनुसार मौनी अमावस्या तिथि का आरंभ 9 फरवरी को सुबह 8 बजकर 2 मिनट पर होगा और यह 10 फरवरी को सुबह 4 बजकर 28 मिनट तक रहेगी। इसलिए मौनी अमावस्या का स्नान और दान 9 फरवरी को होगा।
मौनी अमावस्या पर गंगा में स्नान करने का खास महत्व शास्त्रों में बताया गया है। इस दिन प्रयागराज में माघ मेले की सबसे बड़ा स्नान होता है। इस दिन मौन रहकर साधना करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस दिन साधु संत लोग मौन व्रत करते हैं। इस दिन गंगा में स्नान करने से आपके सभी पाप धुल जाते हैं और आपको कई गुना पुण्य मिलता है। इस दिन मंदिरों और धार्मिक स्थलों में हवन पूजन के कार्यक्रम किए जाते हैं।
पूजा- विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन पवित्र नदी या सरवोर में स्नान करने का महत्व बहुत अधिक होता है। आप घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
सूर्य देव को अर्घ्य दें।
अगर आप उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास भी रखें।
इस दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए।
पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें।
इस पावन दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है।
इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना भी करें।
मौनी अमावस्या के विषय में प्रयाग में संगम नदी के स्नान को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवता ओर पितर अदृश्य रूप से आकर नदी में स्नान करते हैं और उनके स्नान से जल पवित्र हो जाता है। ऐसी नदी में स्नान करने से आपको पुण्य की प्राप्ति होती है और पापों का अंत होता है। इस दिन गंगा में स्नान करने से आपके कई त्वचा संबंधी रोग दूर हो जाते हैं।
मौनी अमावस्या के दिन सबसे शुभ माना जाने वाला सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7 बजकर 5 मिनट से लेकर रात को 11 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा। इस शुभ योग में मौनी अमावस्या का व्रत करने से आपको धन की प्राप्ति होती है और आपके पूर्वज प्रसन्न होकर आपको जीवन में सफल और संपन्न होने का आशीर्वाद देते हैं।