नई दिल्ली : देशभर में लहसुन की कीमत में भारी उछाल देखने को मिल रहा है। कुछ दिन पहले तक दिल्ली में 100 से 150 रुपए किलो तक बिकने वाला लहसुन आज 450 से 500 रुपए किलो में बिक रहा है। इससे आम आदमी के घर का बजट भी बिगड़ चुका है। साथ ही किसान भी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।
किसानों का कहना है कि उन्होंने 40 से 50 रुपए की दर से व्यापारियों को लहसुन बेची थी लेकिन कैसे लहसुन की कीमतें बेकाबू हो रही हैं, उन्हें भी समझ में नहीं आ रहा है। अगर 50 रुपए के हिसाब से भी अंदाजा लगाया जाए तो ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट को जोड़ कर इसकी लागत 80 रुपए के आसपास बैठती है, जिसे मुनाफा जोड़ कर 125 से 150 रुपए किलो तक में बिकना चाहिए लेकिन लहसुन की वास्तविक कीमत तिगुनी होकर साढ़े चार सौ से 500 रुपए किलो तक हो गई है। किसानों के मुताबिक, लहसुन की पैदावार इतनी है कि पिछले 3 साल से 5 से 10 रुपए किलो के हिसाब से वे व्यपारियों को लहसुन दे रहे हैं, या फिर पशुओं को खिलाना पड़ता है और अगले महीने नई फसल भी आ जाएगी। बावजूद इसके लहसुन की कीमत बेलगाम है और इसका कारण कहीं न कहीं किल्लत को दर्शा कर मुनाफाखोरी करना है।
दिल्ली के दो सबसे बड़े मंडी आजादपुर और ओखला के लहसुन व्यापारियों का कहना है कि मांग के अनुसार लहसुन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, यही वजह है कि अभी लहसुन की बढ़ती कीमतों से न केवल खुदरा खरीदार बल्कि इसके थोक व्यापारी भी परेशान हैं। उन्हें उम्मीद है कि अगले महीने लहसुन की नई फसल आने के बाद इसमें कमी आएगी।
बात करें दिल्ली की मंडियों में बिक रहे लहसुन की कीमत की तो अलग-अलग जगहों पर क्वालिटी के अनुसार विभिन्न कीमतों पर बिक रही है, जो अधिकतम साढ़े चार सौ से 500 रुपए किलो तक है। केशोपुर मंडी के लहसुन व्यापारी गिरानी ने बताया कि केशोपुर में लहसुन 400 रुपए किलो बिक रही है, जो खुदरा में 600 तक का बिक रहा है। यही वजह है कि बाजारों में मटर-टमाटर, गोभी समेत तमाम सस्ती सब्जियों की उपलब्धता के बावजूद लोगों के खाने का स्वाद बढ़ाने वाले लहसुन के गायब होने से ये मौसमी सब्जियां भी स्वादहीन हो रही हैं।