नई दिल्ली: सरकार के लिए राहत की खबर सामने आई है। देश के शहरी इलाकों में बेरोजगारी की दर में गिरावट आई है। अक्टूबर-दिसंबर 2023 की तिमाही में 15 वर्ष और उससे ज्यादा आयु के व्यक्तियों के लिए शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर में मामूली गिरावट आई है। यह 6.6% से घटकर 6.5 फीसदी हो गई है। जबकि जुलाई-सितंबर अवधि में यह 6.6 फीसदी थी। देश में आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग की महिलाओं के लिए बेरोजगारी दर 8.6 फीसदी रही है। यह पिछली तिमाही के समान है। हालांकि, यह अक्टूबर-दिसंबर 2022 की तिमाही में दर्ज 9.6 फीसदी से कम है।
कोरोना काल में बढ़ी थी बेरोजगारी
देश में सख्त कोविड लॉकडाउन के कारण अप्रैल-जून 2020 की तिमाही में समग्र बेरोजगारी दर 20.9 फीसदी के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। इसने पूरे देश में रोजगार के अवसरों को लेकर चिंता पैदा कर दी थी। 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के पुरुषों के लिए, दिसंबर तिमाही में बेरोजगारी दर घटकर 5.8 फीसदी हो गई। जुलाई-सितंबर अवधि में यह 6% और अक्टूबर-दिसंबर 2022 की तिमाही में 6.5% थी।
लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन बढ़ा
एनएसओ ने पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे जारी किया है। डेटा के मुताबिक, शहरी इलाकों में रहने वालों के बीच श्रम बल भागीदारी यानी लोबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट में बढ़ोतरी आ रही है। यह 15 साल से ज्यादा उम्र के बीच के लोगों के लिए 48.2 फीसदी से बढ़कर 49.9 फीसदी रही है। महिला लेबर फोर्स भागीदारी भी इस अवधि में बढ़ी है। महिलाओं के लिए, यह दर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जुलाई-सितंबर अवधि के 24% से बढ़कर 25 फीसदी हो गई है। जबकि अक्टूबर-दिसंबर 2022 की तिमाही में यह दर 22.3 फीसदी थी।