तालिबान का नया फरमान, ढाई दशक पुराना कानून किया लागू; ‘जिंदा लोगों’ की फोटो पर पाबंदी

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नई दिल्ली : अफगानिस्तान में जब से तालिबानी सरकार सत्ता पर काबिज हुई है, तभी से लगातार नए नए फरमान जारी किए जा रहे हैं। इसी क्रम में तालिबान ने एक और नया फरमान जारी किया है। बताया जाता है कि यह कोई ढाई दशक पुराना कानून है, जिसे फिर लागू कर दिया है। जानकारी के अनुसार जिस कंधारसे निकलकर पूरे मुल्क में तालिबान फैला। वहां शरीयत की आहट सुनाई दे रही है। नए फरमान के अनुसार कांधार में अधिकारी अब ‘जिंदा चीजों’ के फोटो या वीडियो नहीं ले पाएंगे।

तालिबानी आदेश में कहा गया है कि ऐसा करने से फायदे से कहीं ज्यादा नुकसान होता है। कांधार के लिए जारी यह आदेश उस काले दौर की याद दिलाता है, जब अफगानिस्तान में तालिबान का राज था। 1996 से 2001 के बीच, अफगानिस्तान में टेलीविजन तक बैन था। तब भी जिंदा लोगों की तस्वीरें लेने पर पाबंदी थी। कांधार गवर्नर के प्रवक्ता ने एक अंतरराष्ट्रीय न्‍यूज एजेंसी से बातचीत में फरमान की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध आम जनता और ‘स्‍वतंत्र मीडिया’ पर लागू नहीं हैं।

सिविल और मिलिट्री अधिकारियों को भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि “अपनी औपचारिक और अनौपचारिक बैठकों में जीवित चीजों की तस्वीरें लेने से बचें, क्योंकि इससे फायदे की तुलना में अधिक नुकसान होता है।” फरमान के मुताबिक, टेक्‍स्‍ट और ऑडियो की इजाजत है।

अफगानिस्तान पर दोबारा कब्जा करते ही तालिबान ने महिलाओं की शिक्षा पर पाबंदी लगा दी थी। वहीं नवंबर 2022 में काबुल के पार्कों और जिमों में महिलाओं के जाने पर रोक लगा दी गई थी। दिसंबर 2022 में, तालिबान ने महिलाओं का यूनिवर्सिटी जाना भी प्रतिबंधित कर दिया। जनवरी 2023 में तालिबान ने बाल्ख प्रांत में पुरुष डॉक्टरों के महिला मरीजों का इलाज करने पर रोक लगाई थी। जुलाई 2023 में तालिबान ने महीने भर के भीतर सारे ब्‍यूटी सलून बंद करने का फरमान जारी किया था।

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