नए कंप्यूटर कंट्रोल सिस्टम से लैस हुआ Tejas फाइटर जेट, सफल हुई पहली उड़ान

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नई दिल्ली : स्वदेशी रूप से विकसित डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (डीएफसीसी ) के साथ तेजस लड़ाकू विमान ने सफल उड़ान भरी है। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर को हल्के लड़ाकू विमान तेजस में एकीकृत किया गया है जो एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है।

स्वदेश निर्मित तेजस एकल इंजन वाला बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है, जो उच्च खतरे वाले हवाई क्षेत्र में काम करने में सक्षम है। इसे हवाई रक्षा, समुद्री टोही और हमले की भूमिका निभाने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है।

तेजस एमके-1ए के लिए स्वदेशी डीएफसीसी को बेंगलुरु स्थित वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (ADE) ने विकसित किया है. DFCC में क्वाड्राप्लेक्स पावर पीसी आधारित प्रोसेसर, हाई स्पीड ऑटोनॉमस स्टेट मशीन आधारित आई/ओ नियंत्रक, उन्नत कम्प्यूटेशनल थ्रूपुट और डीओ 178सी लेवल-ए सुरक्षा आवश्यकताओं के अनुरूप जटिल ऑन-बोर्ड सॉफ्टवेयर शामिल हैं.

टेस्ट फ्लाइट में सभी महत्वपूर्ण मानक और प्रदर्शन संतोषजनक पाए गए. पहली उड़ान का संचालन राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र के विंग कमांडर सिद्दार्थ सिंह केएमजे (रिटा.) ने किया. भारतीय वायु सेना पहले ही तेजस एमके-1ए का संचालन कर चुकी है.

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि तेजस एमके1ए कार्यक्रम की दिशा में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में डीएफसीसी को प्रोटोटाइप एलएसपी7 में एकीकृत किया गया और 19 फरवरी को सफलतापूर्वक उड़ान उड़ान भरी। तेजस-एमके1ए संस्करण के लिए डीएफसीसी को एयरोनाटिकल विकास प्रतिष्ठान (एडीई) बेंगलुरु द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उड़ान नियंत्रण के सभी महत्वपूर्ण मानक और प्रदर्शन संतोषजनक पाए गए। इसने कहा कि पहली उड़ान का संचालन राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र से संबद्ध विंग कमांडर सिद्धार्थ सिंह केएमजे (सेवानिवृत्त) ने किया। भारतीय वायुसेना पहले ही तेजस एलसीए एमके1 का संचालन शुरू उकर चुकी है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तेजस एमके1ए के लिए इस महत्वपूर्ण प्रणाली के विकास एवं सफल उड़ान परीक्षण में शामिल रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), वायुसेना, एडीए और उद्यमों की की सराहना की।

सिंह ने इसे आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। तेजस विमान भारतीय वायुसेना का मुख्य आधार बनने के लिए तैयार है जिसमें शुरुआती संस्करण के लगभग 40 तेजस पहले ही शामिल किए जा चुके हैं।

स्वदेश निर्मित तेजस एक एकल इंजन वाला बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है, जो आसमान में ज्यादा खतरे की स्थिति में काम करने में सक्षम है। इसे वायु रक्षा, समुद्री टोही और हमले की भूमिका निभाने के लिए डिजाइन किया गया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि तेजस एमके1ए कार्यक्रम की दिशा में एक महत्वपूर्ण विकास के तहत डिजिटल फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (डीएफसीसी) को प्रोटोटाइप एलएसपी7 में एकीकृत किया गया और 19 फरवरी को सफलतापूर्वक उड़ाया गया।

विमान के उन्नत संस्करण तेजस एमके1ए में एक उन्नत मिशन कंप्यूटर, डिजिटल उड़ान नियंत्रण कंप्यूटर (डीएफसीसी एमके1ए), स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (एसएमएफडी), उन्नत इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन किए गए ऐरे (एईएसए) रडार, आत्म-सुरक्षा जैमर शामिल हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तेजस एमके1ए के लिए इस खास प्रणाली के विकास और सफल उड़ान परीक्षण में शामिल डीआरडीओ, आईएएफ, एडीए और उद्योगों की संयुक्त टीमों की सराहना की।

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