रणजी ट्रॉफी के इतिहास में हुआ ये करिश्मा, 10वें और 11वें नंबर के बल्‍लेबाजों ने ठोके शतक

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बड़ौदा : रणजी ट्रॉफी 2023-24 के तहत मुंबई और बड़ौदा के बीच क्वॉर्टर फाइनल मैच में एक बार फिर इतिहास दोहराया गया है। मुंबई की ओर से तुषार देशपांडे और तनुष कोटियन ने 78 साल बाद ऐसा रिकॉर्ड बनाया है, जो इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गया है। मुंबई की टीम अपनी दूसरी पारी में 337 रन पर 9 विकेट गंवा चुकी थी। इसके बाद 10वें और 11वें नंबर पर उतरे तुषार देशपांडे और तनुष कोटियन ने पारी को बखूबी संभाला और बड़ौदा के गेंदाबाजों की बखिया उधेड़ते हुए दोनों ने ही शतक ठोकते हुए मुंबई के स्‍कोर को 569 तक पहुंचा दिया। फर्स्ट क्लास क्रिकेट के इतिहास में 78 साल बाद दूसरी बार ये करिश्‍मा हुआ है।

तुषार देशपांडे 129 गेंदों पर 10 चौके और आठ छक्कों की मदद से 123 रन बनाकर आउट हुए तो वहीं तनुष कोटियन 129 गेंदों पर 10 चौके और चार छक्कों की मदद से 120 रन बनाकर नॉटआउट पवेलियन लौटे। तुषार और तनुष की इन जबरदस्‍त पारियों के दम पर मुंबई की टीम काफी मजबूद स्थिति में पहुंच चुकी है। यहां से मुंबई की जीत यहां से पक्‍की नजर आ रही है। इसके साथ ही मुंबई का रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल का टिकट भी तय हो गया है।

फर्स्ट क्लास क्रिकेट के इतिहास में पहली बार ये रिकॉर्ड दो भारतीय खिलाड़ियों ने ही बनाया था। 1946 में इंडियंस बनाम सरे मैच में भारतीय खिलाड़ी चंदू सरवाटे और शूते बनर्जी ने 10वें और 11वें नंबर पर उतरते हुए ये कारनामा किया था। ये मुकाबला उस दौरान द ओवल के मैदान पर खेला गया था। इंडियंस ने उस मैच 9 विकेट से जीता था। तब भारत पर अंग्रेजों का कब्‍जा था।

बता दें कि मुंबई और बड़ौदा के बीच रणजी ट्रॉफी का दूसरा क्वॉर्टर फाइनल मुंबई के शरद पवार क्रिकेट एकेडमी बीकेसी में खेला जा रहा है। मुंबई ने पहली पारी में 384 रन बनाए थे। इसके जवाब में बड़ौदा की पहली पारी 348 रनों पर सिमट गई। मुंबई ने दूसरी पारी में 569 के स्‍कोर और पहली पारी की बढ़त को मिलाकर बड़ौदा के सामने 606 रन का बेहद मुश्किल लक्ष्‍य रखा है।

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