हर व्यक्ति के लिए फायदेमंद नहीं है पपीता, ये लोग भूलकर भी न खाएं

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नई दिल्ली : पपीता एक ऐसा फल है जो आपको कहीं भी बड़ी आसानी से मिल जाता है। इसमें फाइबर, मिनरल्स, विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। यही वजह है कि वजन घटाने से लेकर शरीर को बीमारियों से दूर रखने तक में पपीते को बहुत फायदेमंद माना जाता है। हर दिन पपीता खाने से दिल की बीमारियां, डायबिटीज, कैंसर और ब्लड प्रेशर की समस्या दूर होती है। भले ही पपीता सेहत के लिए बहुत अच्छा है लेकिन कुछ लोगों के लिए ये नुकसानदायक भी साबित हो सकता है।

प्रेग्नेंट महिलाएं- प्रेग्नेंट महिलाओं को पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए। पपीते में लेटेक्स और पैपीन होता है जो गर्भाशय को संकुचित कर सकता है. इसकी वजह से लेबर पेन समय से पहले होने लगता है. यह भ्रूण को सहारा देने वाली झिल्ली को भी कमजोर कर सकता है। हालांकि, ज्यादातर अधपका पपीता खाने पर ये दिक्कतें आ सकती हैं.

अनियमित दिल की धड़कन वाले लोग- पपीता खाने से दिल से जुड़ीं बीमारियों का खतरा कम हो सकता है, लेकिन अगर आप पहले से ही अनियमित दिल की धड़कन की समस्या से जूझ रहे हैं तो पपीता आपके लिए हानिकारक हो सकता है। स्टडीज के मुताबिक, पपीते में कुछ मात्रा में साइनोजेनिक ग्लाइकोसाइड पाया जाता है। ये एमिनो एसिड पाचन तंत्र में हाइड्रोजन साइनाइड बना सकता है. बहुत ज्यादा मात्रा में पपीता खाने से अनियमित दिल की धड़कन वाले मरीजों की समस्या और बढ़ सकती है।

एलर्जी वाले लोग- लेटेक्स एलर्जी से पीड़ित लोगों को पपीते से भी एलर्जी हो सकती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पपीते में चिटिनासेस नाम का एंजाइम होता है। ये एंजाइम बॉडी में क्रॉस-रिएक्शन बनता है. इससे छींकने, सांस लेने में कठिनाई, खांसी और आंखों में पानी आने जैसी समस्या हो सकती है।

किडनी स्टोन वाले लोग- पपीते में विटामिन C की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. इसमें पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट है, किडनी स्टोन की समस्या को और बढ़ाने का काम कर सकता है. विटामिन C के बहुत अधिक सेवन से कैल्शियम ऑक्सालेट किडनी स्टोन बन सकता है. यह पथरी के आकार को भी बढ़ा सकता है. इससे पेशाब करने में बहुत कठिनाई महसूस होती है।

हाइपोग्लाइसीमिया वाले लोग- डायबिटीज के मरीजों के लिए पपीता बहुत फायदेमंद माना जाता है क्योंकि ये ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखता है. हालांकि, पपीता खाना उनके लिए बिल्कुल भी सही नहीं है जिन्हें हाइपोग्लाइसीमिया की समस्या हो यानी जिनका ब्लड शुगर कम रहता हो. ऐसा इसलिए है क्योंकि इसममें एंटी-हाइपोग्लाइसेमिक या ग्लूकोज कम करने वाले तत्व मौजूद होते हैं।

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