गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर आईटीएम गीडा की तीन छात्राओं ने छेड़खानी करने वाले मनचलों को सबक सिखाने वाली अनोखी पिस्टल तैयार की है। यह पिस्तौल गोलियां नहीं, बल्कि 10,000 वोल्ट का करंट उगलेगी। इतना ही नहीं, यह पिस्टल मोबाइल के वाई-फाई या ब्लूटूथ से कनेक्ट हो कर इस्तेमाल की जा सकती है। पिस्टल बनाने वाली गोरखपुर आईटीएम गीडा की ये तीनों छात्राएं अंशिका पाठक, स्मिता जायसवाल, और प्रीति रावत हैं।
दरअसल, महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकारी स्तर पर लगातार प्रयास हो रहे हैं लेकिन दुश्वरियां कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। ऐसे में इन छात्राओं द्वारा बनाया गया यह इलेक्ट्रॉनिक पिस्टल बहुत सहयोगी साबित होने वाला है।
अंशिका पाठक ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को देखते हुए हमने महिला सुरक्षा और आपात सेवा के लिए नारी शक्ति गन तैयार की है। अगर कोई किसी महिला के साथ परेशान करने या नुकसान पहुंचाने का प्रयास करता है तो पीड़ित महिला इस पिस्टल में लगे ट्रिगर को दबाकर सामने वाले को 10 हजार वोल्ट का करेंट दे सकती है। साथ ही इस डिवाइस से जुड़े फोन के माध्यम से आपात नंबर के जरिए उनकी मदद हो जाएगी। इसके अलावा इस डिवाइस को पिस्टल के अलावा किसी और रूप में भी बनाया जा सकता है। इस डिवाइस में कई अपातकालीन नंबर सेवाओं को जोड़ा जा सकता है।
उन्होंने बताया कि निर्भय नारी शक्ति डिवाइस पिस्टल को मोबाइल के वाई-फाई या ब्लूटूथ से कनेक्ट कर इस्तेमाल किया जा सकेगा। मुसीबत में महिलाएं अपनी आत्मरक्षा कर सकेंगी। पुलिस और परिवार के सदस्यों को बिना मोबाइल टच किये कॉल व लोकेशन भी भेज सकती हैं। इस निर्भय नारी शक्ति पिस्टल को कॉलेज के इनोवेशन सेल में मात्र 15 दिनों मे तैयार किया गया है। इनका कहना है कि यह इलेक्ट्रानिक पिस्तौल किसी भी मोबाइल फोन के चार्जर से चार्ज किया जा सकेगा। एक घंटे के चार्ज पर 5 महीने तक काम कर सकता है।
स्मिता जायसवाल ने बताया कि पिस्तौल की बॉडी को थ्रीड़ी प्रिंटर से तैयार किया गया है। पिस्तौल को हार्ड फ़ाइवर से तैयार किया गया है। तक़रीबन 125 ग्राम वजनी और चार इंच लम्बाई वाली यह पिस्टल बहुत छोटी है। महिलाएं इसे पर्श या पॉकेट मे आसानी से रख सकती हैं। इस पिस्टल को तैयार करने में 3,500 रूपए का खर्च आया है। इसके निर्माण में थ्रीड़ी प्रिंटर, ब्लूटूथ मॉड्यूल, 3.7 वोल्ट बैटरी, स्विच, डीसी टू एसी ट्रांसफार्मर इत्यादि का प्रयोग किया गया है।
छात्राओं का कहना है इस पिस्टल को तैयार करने के पीछे किसी को नुकसान पहुंचाने का मकसद नहीं है। मुसीबत में फंसी महिलाओं की सुरक्षा करना ही एक मात्र मकसद है। पिस्तौल से गोली फायर नहीं होगी बल्कि 10,000 वोल्ट का करंट निकलेगा। मुसीबत के समय महिलाएं, असामाजिक तत्वों से अपनी आत्मारक्षा कर सकेंगी। ट्रिगर को दबाने से पिस्टल के बैरल प्वाइंट पर करंट फ्लो होगा। बॉडी के संपर्क में आने पर यह 1000 वोल्टेज से 10,000 वोल्टेज तक के करंट का झटका देगा।
छात्राओं का कहना है कि पिस्टल के ट्रिगर को दो बार लगातार दबाने से इसमें परिवार के सदस्यों के नंबर पर कॉल और लोकेशन चला जायेगा जिससे वे मौके पर आसानी से पहुंच सकेंगे। संस्थान के सेक्रेटरी नीरज अग्रवाल व निदेशक एनके सिंह ने बताया कि कॉलेज के इनोवेशन सेल में छात्राएं निरंतर कार्य कर रहीं हैं। महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई तरह के प्रोजेक्ट बनाए हैं। यह काफी उपयोगी है। इसे आगे चलकर प्रशासन के पास भेजा जाएगा, जिससे आने वाले समय में महिला सुरक्षा की अहम कड़ी बन सके।
वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला के क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने बताया कि तकनीक हमेशा से ही हमारे जीवन को आसान बनाती आई है। अगर बात महिलाओं की सुरक्षा की हो तो नारी शक्ति जैसी डिवाइस काफी महत्वपूर्ण हो सकती है। अगर महिलाएं किसी मुसीबत में फंसी हैं तो ऐसी स्थिति में वो इसका उपयोग कर सकती हैं। अगर कोई महिला हिंसा या उत्पीड़न की शिकार है, इसमें भी यह काफी कारगर हो सकती है।