नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम को मिशन दिव्यास्त्र के लिए DRDO को बधाई दी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण , मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है.” 2022 में भी भारत की सबसे ताकतवर मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था. तब इसने टारगेट को 5500 किलोमीटर दूर जाकर ध्वस्त कर दिया था. इस मिसाइल को डीआरडीओ (DRDO) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने संयुक्त रूप से मिलकर बनाया है. मुद्दा ये नहीं है कि इसकी रेंज कितनी है, चीन और कई देशों को यह डर है कि इस मिसाइल की जद में उनका पूरा का पूरा क्षेत्रफल आ रहा है.
अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V) का वजन 50 हजार किलोग्राम है. यह 17.5 मीटर लंबी है. इसका व्यास 2 मीटर यानी 6.7 फीट है. इसके ऊपर 1500 किलोग्राम वजन का परमाणु हथियार लगा सकते हैं. इस मिसाइल में तीन स्टेज के रॉकेट बूस्टर हैं जो सॉलिड फ्यूल से उड़ते हैं. इसकी गति साउंड की स्पीड से 24 गुना ज्यादा है. यानी एक सेकेंड में 8.16 किलोमीटर की दूरी तय करती है. अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V) 29,401 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करती है. इसमें रिंग लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, जीपीएस, NavIC सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम लगा हुआ है. अग्नि-5 मिसाइल टारगेट पर सटीकता से हमला करता है. अगर टारगेट अपनी जगह से हटकर 10 से 80 मीटर तक भी जाता है तो उसका बचना मुश्किल है.
इस मिसाइल के बारे में वैज्ञानिक एम. नटराजन ने 2007 में पहली बार योजना बनाई थी. अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V) को लॉन्च करने के लिए मोबाइल लॉन्चर का उपयोग करते हैं. इसे ट्रक पर लोड करके किसी भी स्थान पर पहुंचाया जा सकता है. 50 हजार किलोग्राम वजन वाली अग्नि-5 मिसाइल को 200 ग्राम का कंट्रोल एंड गाइडेंस सिस्टम नियंत्रित करता है. यह इस मिसाइल पर ही लगा होता है. इसे सिस्टम ऑन चिप (SOC) आधारित ऑन-बोर्ड कंप्यूटर कहते हैं. MIRV तकनीक यानी मिसाइल की नाक पर दो से 10 हथियार लगाए जा सकते है. यानी एक ही मिसाइल एक साथ कई सौ किलोमीटर में फैले अलग-अलग 2 से 10 टारगेट पर सटीक निशाना लगा सकता है.
अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V ICBM) का पहला सफल परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को हुआ था. उसके बाद 15 सितंबर 2013, 31 जनवरी 2015, 26 दिसंबर 2016, 18 जनवरी 2018, 3 जून 2018 और 10 दिसंबर 2018 को सफल परीक्षण हुए. अग्नि-5 मिसाइल के आधा दर्जन से अधिक सफल परीक्षण हो चुके हैं. इन परीक्षणों में मिसाइल को विभिन्न मानकों पर जांचा गया. जिसमें पता चला कि यह मिसाइल दुश्मन को बर्बाद करने के लिए बेहतरीन हथियार है.