अंबेडकरनगर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि पिछली सरकारों के नेताओं की आजीविका का माध्यम माफिया हुआ करते थे। पहले जमीन पर कब्जा करते थे पर आज कोई माफिया किसी जमीन पर कब्जा या बेटी से छेड़छाड़ नहीं कर पाएगा, क्योंकि उसे मालूम है कि ऐसा करने वालों का यमराज अगले चौराहे पर उपचार कर देंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को अंबेडकर नगर में 2,122 करोड़ की 4,977 विकास परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के साथ दो निजी औद्योगिक विकास परियोजनाओं के शुभारंभ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने सपा पर खूब निशाना साधा और डबल इंजन की सरकार के विकास कार्यों को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि माफिया पिछली सरकारों के पाले गए जीव थे, जो उन नेताओं की आजीविका के माध्यम बनते थे। हमने कहा कि गरीबों के जीने के अधिकार को छीनने वालों से जीने का अधिकार छीन लिया जाएगा।
सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण सपा के लोग नहीं करा पाते। सपा के लोग आपके जनपद का नाम भी मिटा देना चाहते थे। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नाम पर कन्नौज मेडिकल कॉलेज का नाम हटा दिया, लेकिन हमने जोड़ दिया। हमने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर संविधान शिल्पी थे। उनके नाम पर कोई समझौता नहीं हो सकता। सपा दलित विरोधी है, उन्होंने भले ही नाम मिटाया, लेकिन हम फिर से नामकरण करेंगे।
उन्होंने आगे बताया कि यह वही सपा है, जिसने गेस्ट हाउस कांड कराया और दलित महापुरुषों के नाम पर बने स्मारकों को हटाने का आह्वान किया था। लेकिन, डबल इंजन की सरकार बाबा साहब के नाम पर पंच तीर्थ का निर्माण करती है। डबल इंजन की सरकार ने 4 करोड़ देशवासियों को आवास दिया, पहले गरीब और भक्त को आवास दिया गया, फिर भगवान के मंदिर का भी निर्माण किया गया।
मुख्यमंत्री योगी ने आगे जिक्र किया कि अभी यहां पर किसी को मकान, टैबलेट, नियुक्ति पत्र समेत अन्य विकास योजनाओं का लाभ दिया गया। यदि डबल इंजन की सरकार नहीं होती तो यूपी में 56 लाख गरीबों को मकान नहीं मिल पाता। सपा और कांग्रेस के लोग नहीं दे पाते, वहां चाचा और भतीजे में जंग लगी है। नियुक्ति आते ही परिवार वसूली में मस्त हो जाता था। लेकिन, आज हर जरूरतमंद को बिना भेदभाव के गरीब कल्याण से जुड़ी योजनाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है। जब सरकार का उद्देश्य लोककल्याण होता है तो ऐसे कार्यक्रम होते हैं, जब सरकार में बैठे लोगों का चश्मा परिवार के बाहर नहीं देखता है तो गरीब कल्याणकारी योजनाओं में डकैती पड़ती है।