नई दिल्ली (New Delhi)। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता (capital Kolkata)के गार्डन रीच इलाके में सोमवार को अवैध रूप से निर्माणाधीन (under construction illegally)पांच मंजिला इमारत के ढह जाने से नौ लोगों की मौत (nine people died)हो गई और 17 लोग घायल हो गए। इसके बाद इस मुद्दे पर सियासी बहस(political debate) शुरू हो गई है। विपक्ष ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। बिल्डिंग ढहने के करीब 18 घंटे बाद भी माना जा रहा है कि अब भी मलबे में कई लोग फंसे हो सकते हैं। ऐसे में मरने वालों की संख्या में वृद्धि की आशंका जताई जा रही है। मृतकों में दो महिलाएं भी शामिल हैं।
पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि गार्डन रीच के घनी आबादी वाले अजहर मुल्ला लेन क्षेत्र में एक तालाब को भरकर कथित तौर पर बनाई जा रही पांच मंजिला इमारत नजदीक बनी झुग्गी झोपड़ियें पर गिर गई। उन्होंने यह भी दावा किया कि इलाके में कम से कम 800 ऐसी अनधिकृत इमारतें हैं।
राज्य के शहरी क्षेत्रों के निर्माणों की केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) जैसे संस्थान द्वारा अदालत की निगरानी में ऑडिट कराने की मांग करते हुए अधिकारी ने कहा कि कोलकाता नगर निगम (केएमसी) एक महीने के भीतर अपने 141 वार्डों में अधिकृत और अनधिकृत संरचनाओं की सूची प्रकाशित करे। उन्होंने ऐलान किया, ‘‘ मैं ऐसे निर्माणों का विवरण मांगने के लिए केएमसी सचिव के पास ‘आरटीआई’ भी दायर करूंगा और विवरण सार्वजनिक मंच पर लाऊंगा।’’
इमारत बनवा रहे मोहम्मद वसीम को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने कहा कि आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या, हत्या के प्रयास और आपराधिक लापरवाही से संबंधित धाराएं लगाई गईं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह इमारत दिसंबर 2022 से निर्माणाधीन है। इसमें 500 वर्ग फुटक्षेत्र के 16 अपार्टमेंट है, जिनमें से सभी को खरीदारों को बेच दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ परियोजना में कई बिल्डर शामिल हैं। हम अन्य की तलाश कर रहे हैं।’’
इसी बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शहर के घटनास्थल का दौरा किया और स्थानीय निवासियों को अवैध निर्माण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। उन्होंने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ कोलकाता नगर निगम के गार्डन रीच इलाके में एक निर्माणाधीन इमारत ढहने की खबर के बारे में जानकर दुख हुआ। हमारे महापौर, दमकल मंत्री, सचिव, पुलिस आयुक्त, नगर निकाय, पुलिस, दमकल और आपदा प्रबंधन अधिकारी तथा बचाव दल रात भर घटनास्थल पर मौजूद रहे।
सरकारी अस्पताल ‘एसएसकेएम’ में घायलों से मुलाकात करने के बाद उन्होंने कहा, ‘‘यह एक अवैध निर्माण है। मैं पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करती हूं। मैं प्रशासन से अवैध निर्माण में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध करूंगी।’’ गुरुवार की शाम को अपने घर पर गिरने और सिर पर चोट लगने के बाद ममता पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखीं, उनके माथे पर टांके लगे हैं। ममता ने जब घटनास्थल का दौरा किया तब उनके माथे पर पट्टी बंधी हुई थी।
कोलकाता के महापौर फिरहाद हकीम ने स्वीकार किया कि निर्माण अवैध था, लेकिन उन्होंने राज्य के पिछली सरकार को इसका जिम्मेदार ठहराया। हकीम ने कहा, ‘‘वामपंथी शासन के बाद से यहां और कुछ अन्य इलाकों में यह एक चलन बन गया था।’’ उन्होंने यह भी माना कि यह ‘‘अधिकारियों की ओर से चूक’’ हो सकती है कि वे इस पर नजर रखने में नाकाम रहे।
स्थानीय टीएमसी पार्षद शम्स इकबाल पर इलाके में रियल एस्टेट घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाते हुए भाजपा नेता अधिकारी ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की। भाजपा नेता ने कहा, ‘‘महापौर और मुख्यमंत्री भी इतने निर्दोष लोगों की मौत की जिम्मेदारी से खुद को मुक्त नहीं कर सकते।
पार्षद का बचाव करते हुए हाकिम ने कहा, ‘‘यह स्थानीय पार्षद का काम नहीं है बल्कि नगर निकाय के अधिकारियों को नजर रखनी पड़ती है कि क्या कोलकाता नगर निगम द्वारा स्वीकृत योजनाओं के अनुसार निर्माण कार्य हो रहा है या नहीं।’’ टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि दुख की इस घड़ी में राजनीति करने से बचना चाहिए।
हाकिम के आरोप पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्यसभा सदस्य एवं कोलकाता के पूर्व महापौर विकास भट्टाचार्य ने आश्चर्य कहा कि भले ही इस तरह के आरोप को तर्क के लिए सच माना लिया जाए, लेकिन तृणमूल अपने 12 साल के शासन के दौरान क्या कर रही थी।भट्टाचार्य ने मेयर के दावे को खारिज करते हुए ‘कहा, ‘‘ अगर राज्य में कुछ भी बुरा होता है तो तृणमूल पूर्ववर्ती वामपंथी सरकार पर दोष डाल अपना पल्ला झाड़ देती है।’’
बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने भी दुर्घटनास्थल का दौरा किया और स्थानीय लोगों, बचाव कर्मियों और वहां तैनात पुलिसकर्मियों से बात की। बाद में उन्होंने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की। बोस ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘निर्दोष लोग बिना किसी गलती के मर जाते हैं। यह एक मानवीय विफलता है। बिल्डर की ओर से चूक हुई है, लेकिन निगरानी करने वालों की विफलता है। वे अपने कर्तव्यों में पूरी तरह विफल रहे हैं।
स्थानीय निकाय के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में केएमसी द्वारा कार्यकारी अभियंता, सहायक अभियंता और उप-सहायक अभियंता रैंक के तीन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारियों को अगले 48 घंटों के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है और अगर उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।