नई दिल्ली (New Delhi)। राज्य चुनाव आयोग (State Election Commission) के अधिकारियों के मुताबिक, 10 में से 6 एप (Mobile apps ) मतदाताओं (voters) के काम के लिए हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण वोटर हेल्पलाइन एप (Most important voter helpline app) है। इससे 18 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता घर बैठे मतदाता सूची में नाम शामिल कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन (Online Application) कर रहे हैं। साथ ही, ई-मतदाता पहचान पत्र (e-voter identity card) डाउनलोड किया जा रहा है। यदि कोई समस्या है तो इसकी शिकायत भी ऐप से की जा सकती है। चुनाव से संबंधित ताजा जानकारी भी मिल सकती है। ऐसे में ये मतदाताओं के लिए सबसे ज्यादा उपयोगी है।
वहीं, सुविधा कैंडिडेट ऐप से उम्मीदवार चुनावी सभा व रैली आदि के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस डिजिटल तकनीक ने निर्वाचन प्रक्रिया में मतदाताओं की सहभागिता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। निर्वाचन में सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटल तकनीक की मदद से देश में चुनाव की प्रक्रिया को दूरदराज के दुर्गम इलाकों में मौजूद हर संभावित मतदाता तक आसानी से पहुंचाया जा सका है।
हर मतदाता को मतदान केंद्र तक पहुंचाने की मुहिम में जुटे चुनाव आयोग ने दिव्यांग मतदाताओं की मदद के लिए सक्षम ऐप विकसित किया है। यह दिव्यांगों के लिए वन स्टाॅप सेंटर के रूप में काम करता है। इसमें स्क्रीन रीडर, टेक्स्ट टू स्पीच सेवा, दृश्यता संवर्द्धन, रंग समायोजन जैसी सुविधाएं हैं। ऐप से पंजीकरण की प्रक्रिया से लेकर मतदान के दिन पिंक एंड ड्राॅप सुविधा का लाभ उठाया जा रहा है। साथ ही, दिव्यांगों के रूप में चिन्हित करने के लिए अनुरोध, सुधार, प्रमाणीकरण, व्हील चेयर, सहायता, बूथ लोकेटर, शिकायतें दर्ज करें जैसी कई अन्य सुविधाएं भी इस एप में उपलब्ध हैं।
चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों की मदद के लिए ये ऐप बनाया गया है। इससे निर्वाचन के लिए अभ्यर्थी को नामांकन पत्र एवं शपथ पत्र ऑनलाइन भरने की सुविधा मिलती है। उम्मीदवार ऑनलाइन आवेदन के बाद स्लॉट बुक कर निर्धारित तिथि में भौतिक सत्यापन व निर्धारित शुल्क का भुगतान कर सकता है। इतना ही नहीं रैली, सभा आदि की अनुमति के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा भी इस ऐप से मिलती है।
c vigil app
यह ऐप पूरी तरह से चुनाव प्रक्रिया को दोषरहित बनाने के काम में मतदाताओं को सजग चौकीदार बनाने में मदद करता है। इसकी मदद से देश का कोई भी नागरिक निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की तस्वीर और वीडियो सीधे निर्वाचन आयोग को भेज सकता है। चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद ही ये ऐप सक्रिय हो जाता है। इस दौरान अगर किसी भी नागरिक को यह दिखता है कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है, तो वह इस ऐप पर शिकायत भेज सकता है।
एप में मतदाताओं को रिझाने के लिए पैसे या उपहार बांटने, भड़काऊ भाषण देने, बिना अनुमति बैनर पोस्टर लगाने, शराब बांटने, बिना अनुमति लिए सभाएं करने, चुनाव प्रचार सामग्री ले जाने, प्रचार का समय बीतने के बाद सभा करने, मतदान केंद्र के 200 मीटर के अंदर प्रचार करने जैसे मामलों की शिकायत की जा सकती है।
वोटर हेल्पलाइन
मतदाता सूची में नाम शामिल करने से लेकर चुनाव से संबंधित सभी सेवाओं के लिए लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे लोग मतदाता सूची में नाम आसानी से देख सकते हैं। नाम शामिल न होने या कटने पर मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए इस ऐप से ही ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। मतदान के दिन इससे वोटर स्लिप तैयार कर डाउनलोड की जा सकती है। इसका प्रिंटआउट निकालकर मतदाता अपने साथ केंद्र पर जा सकते हैं। इससे मतदान केंद्र की जानकारी भी मिल सकती है।
वोटर टर्नआउट ई-लर्निंग
इससे मतदान के दिन आम नागरिक पल-पलका अपडेट देख सकते हैं। लोग तीन चरणों में वोटर टर्नआउट की ताजा जानकारी के अलावा मतदान के दिन मतदान केंद्रों के पीठासीन अधिकारी की ओर से हर दो घंटे में मतदान केंद्र पर वोटिंग की ताजा जानकारी ले सकते हैं। इसी प्रकार नो योर कैंडिडेट ऐप से कोई भी मतदाता संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के नाम, शिक्षा, आपराधिक रिकार्ड आदि की जानकारी ले सकेगा। वहीं, ई-लर्निंग एप भी कारगर मतदाताओं को जागरूक करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका उद्देश्य मतदान बढ़ाना है।
चुनाव प्रबंधन के लिए तीन एप
इनकोर (ईएनसीओआरई), ईएसएमएस (इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम) व आब्जर्वर जैसे मोबाइल ऐप का इस्तेमाल चुनाव प्रबंधन के लिए अधिकारी कर सकेंगे।