टाटा को मिलेगी EV पर बड़ी टक्कर, मुकेश अंबानी और एलन मस्क करेंगे सबसे बड़ी डील

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नई दिल्ली : टाटा को ईवी पर भारत में टक्कर देने के लिए मुकेश अंबानी और एलन मस्क सबसे बड़ी डील कर सकते हैं. जी हां, टेस्ला भारत में एंट्री को बेताब है. भारत सरकार ने भी नियमों को आसान बनाकर टेस्ला और टेस्ला के लिए रेड कार्पेट बिछा दिया है. अब एलन मस्क को जरुरत है एक इंडियन पार्टनर की. ऐसे में मुकेश अंबानी जैसा पार्टनर उन्हें कहा मिलने वाला है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार देश में अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने के लिए टेस्ला के अधिकारी ज्वाइंट वेंचर के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ बातचीत करने में जुट गए हैं.

दोनों कंपनियों के अधिकारियों के बीच चर्चा को होते एक महीना से ज्यादा हो गया है. मीडिया रिपोर्ट में इस बात पर जोर देकर कहा गया है कि इस बातचीत या डील का मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि मुकेश अंबानी ऑटो सेक्टर में भी उतरने का प्रयास कर रहे हैं. इस ज्वाइंट वेंचर में रिलायंस इंडस्ट्रीज का प्रमुख उद्देश्य भारत में ईवी क्षमताओं का विकास करना है.

मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस वेंचर में रिलायंस इंडस्ट्रीज की भूमिका को स्पष्ट या अंतिम रूप नहीं दिया गया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि रिलायंस भारत में टेस्ला को मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने और उसके लिए एक इकोसिस्टम स्थापित करने में मदद करेगी. टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने 9 अप्रैल को कहा था कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध कराना टेस्ला के लिए एक स्वाभाविक प्रगति होगी. मस्क का यह बयान उन खबरों के बीच आया है कि टेस्ला भारत में अपनी फैक्ट्री स्थापित करने के लिए जगह तलाश रही है.

मस्क ने नोर्गेस बैंक इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट के सीईओ निकोलाई टैंगेन के साथ एक एक्स (पहले ट्विटर) स्पेस सत्र में कहा था कि पॉपुलेशन के आधार पर भारत अब दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है. भारत में भी वैसे ही इलेक्ट्रिक कारें होनी चाहिए जैसे हर देश में इलेक्ट्रिक कारें होती हैं. भारत में टेस्ला इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध कराना एक स्वाभाविक प्रगति है.

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने संकेत दिया कि महाराष्ट्र और गुजरात ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना के लिए टेस्ला इंक को लैंड ऑफर की है. इसके अतिरिक्त, ईवी दिग्गज के साथ इसी तरह की व्यवस्था के लिए कथित तौर पर तेलंगाना सरकार के साथ चर्चा चल रही है.

प्रपोस्ड मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए टेस्ला और मस्क 2 से 3 बिलियन डॉलर यानी 17 से 25 हजार करोड़ रुपए का निवेश करने की प्लानिंग कर रहे हैं. ये यूनिट भारत के साथ विदेशी जरुरतों को भी पूरा करने का प्रयास करेगी. इस महीने की शुरुआत में, रॉयटर्स ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि कंपनी ने जर्मनी में अपनी यूनिट में राइट-हैंड ड्राइव वाहनों का उत्पादन शुरू कर दिया है.

इन कारों को इस साल के अंत में भारत में निर्यात करने का इरादा है, जो दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोटिव मार्केट में संभावित प्रवेश की दिशा में टेस्ला की प्रगति का संकेत है. एजेंसी ने यह भी बताया कि डॉमेस्टिक कार मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए संभावित स्थानों का आकलन करने के लिए टेस्ला के एक प्रतिनिधिमंडल के अप्रैल के अंत में भारत आने की उम्मीद है.

भारत सरकार ने इस साल की शुरुआत में एक नई ईवी पॉलिसी का ऐलान किया था. इस नई पॉलिसी में ईवी पर कम इंपोर्ट ड्यूटी लगाने का प्रस्ताव है. जिससे टेस्ला जैसे ईवी मेकर्स के लिए देश में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ. 2023 में, रिलायंस ने Hydrogen Internal Combustion Engine द्वारा संचालित भारत के इनोगरल हेवी-ड्यूटी ट्रक को इंट्रोड्यूस करने के लिए अशोक लीलैंड के साथ सहयोग किया था. इसके अलावा, आरआईएल ने पिछले वर्ष इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिमूवेबल और स्वैपेबल बैटरी का खुलासा किया था.

मौजूदा समय में भारत का इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) मार्केट भले ही छोटा हो, लेकिन इसमें लगातार ग्रोथ देखने को मिल रही है. टाटा मोटर्स ही हिस्सेदारी इंडियन ईवी मार्केट में सबसे ज्यादा है. 2023 में कुल कारों की बिक्री में इलेक्ट्रिक मॉडल की हिस्सेदारी 2 फीसदी थी, फिर भी सरकार का लक्ष्य 2030 तक इस आंकड़े को 30 फीसदी तक बढ़ाना है. जनवरी में, टेस्ला के वियतनामी कंप्टीटर विनफ़ास्ट ने भारत में 2 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना की घोषणा की और तमिलनाडु राज्य में एक ईवी फैक्ट्री के निर्माण की शुरुआत की.

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