नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के पहले चरण में पश्चिम बंगाल के कूचबिहार सहित कई जिलों में हुई छिटपुट हिंसा से सबक लेते हुए अब निर्वाचन आयोग ने दूसरे चरण के चुनाव के लिए राज्य में सुरक्षा का स्तर बढ़ाने का फैसला किया है. इसी कड़ी में अब पश्चिम बंगाल में चुनाव वाले क्षेत्रों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की तैनाती बढ़ाई जाएगी. दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल को वोटिंग होगी.
पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) ने इस मामले में बताया कि दूसरे चरण के अंतर्गत रायगंज, दार्जीलिंग और बालुरघाट जिलों में चुनाव होगा. इसके लिए निर्वाचन आयोग ने इन जिलों में सीएपीएफ की 303 कंपनियों को तैनात करने का फैसला किया है, ताकि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके और राज्य में किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति पैदा न हो.
बता दें कि पश्चिम बंगाल में चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के मकसद से राज्य में सीएपीएफ की 273 कंपनियां पहले से ही तैनात हैं और 30 अन्य कंपनियां रविवार तक राज्य में पहुंच जाएंगी इस तरह पश्चिम बंगाल में 303 कंपनियों को तैनात कर दिया जाएगा. 30 अतिरिक्त कंपनियां सिक्किम और मेघालय से आएंगी.
राज्य की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) की मुखिया ममता बनर्जी की नाराजगी के बीच राज्य में सुरक्षाबलों की अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती की जा रही है. इससे पहले शुक्रवार (19 अप्रैल 2024) को ममता बनर्जी ने सीएपीएफ के संदर्भ में लिखे गए पत्र को लेकर निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा था. शुक्रवार को एक चुनावी रैली में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सवाल किया था कि आखिर आप राज्य पुलिस को दरकिनार कर कैसे चुनाव संपन्न करा सकते हैं?
दरअसल, शुक्रवार (19 अप्रैल 2024) को मतदान शुरू होने के कुछ देर बाद ही कूचबिहार के कई इलाकों में बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबर सामने आई थी. बाद में माथाभांगा में थोड़ा ज्यादा विवाद की सूचना मिली. यहां दोनों पक्षों में लाठी और डंडे चलने की भी सूचना मिली थी. चुनाव आयोग ने शुरू से ही कूचबिहार को संवेदनशील सीट मानते हुए यहां बड़ी संख्या में फोर्स की तैनाती की थी.