नई दिल्ली : कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का खालिस्तान प्रेम फिर सामने आया है। टोरंटो शहर में मनाए गए खालसा डे पर जब वो भाषण देने मंच पर पहुंचे तो उनके स्वागत में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे। उन्होंने अपनी स्पीच में किसी भी कीमत पर सिख समुदाय की रक्षा करने की कसम खाई। उन्होंने कहा कि वे सिख समुदाय के “अधिकारों और स्वतंत्रता” की हमेशा रक्षा करेंगे।
खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से भारत और कनाडा के रिश्तों में पिछले कई महीनों से तल्खी देखने को मिली है। कनाडा भारतीय अधिकारियों पर निज्जर हत्याकांड में शामिल होने के संगीन आरोप लगाता रहा है। उधर, भारत ने इन आरोपों के जवाब में उससे कई बार सबूत मांगे, जो कनाडाई सरकार आज तक पेश नहीं कर पाई। कई मोर्चों को खालिस्तान को अपना समर्थन दे चुके कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने रविवार दोपहर खालसा दिवस परेड को संबोधित किया। उनकी सभा में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए।
जस्टिन ट्रूडो की यह टिप्पणी टोरंटो शहर में खालसा दिवस परेड के दौरान आई। वे अपनी सरकार के 4 कैबिनेट मंत्रियों और लिबरल पार्टी के चार सांसदों के साथ कार्यक्रम में पहुंचे थे। जैसे ही ट्रूडो मंच पर पहुंचे, कुछ लोगों ने सभा में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। उन्होंने सभा में ज्यादा लंबा भाषण नहीं दिया। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “कनाडा में तकरीबन सिख समुदाय के 8 लाख लोग रहते हैं। हम कसम खाता हूं कि हम आपके अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हमेशा मौजूद रहेंगे और हमेशा नफरत और भेदभाव से आपके समुदाय की रक्षा करेंगे।”
जस्टिन ट्रूडो जितने समय सभा को संबोधित कर रहे थे, दर्शकदीर्घा में मौजूद लोगों द्वारा लगातार खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे थे। उन्होंने अपनी स्पीच में कहा, “आपके पास बिना किसी से डरे और स्वतंत्र रूप से अपने धर्म की रक्षा करने और उसका पालन करने का अधिकार है। इसके लिए हम हमेशा आपके साथ खड़े रहेंगे और आपकी रक्षा करेंगे। हम आपके साथ हैं।”
ट्रूडो ने पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का अपने भाषण में जिक्र नहीं किया। बता दें कि निज्जर हत्याकांड को लेकर कनाडाई संसद में ट्रूडो के बयान पर भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में खटास आ गई थी। ट्रूडो ने सीधे तौर पर भारत का नाम लिया था और दावा किया था कि निज्जर हत्याकांड में भारतीय अधिकारियों की संलिप्तता थी। हालांकि ट्रूडो सरकार अभी तक भारत के खिलाफ साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई है।